मेरा नाम प्रकाश है मैं सागर का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 28 वर्ष है और मैं अपने पिताजी का कारोबार संभालता हूं। एक बार मैं अपने किसी दोस्त की शादी में इंदौर गया हुआ था, मुझे मेरे कॉलेज के दोस्त ने एक लड़की से मिलवाया, उसका नाम राधिका है। मैं राधिका से पहली बार इंदौर में ही मिला था लेकिन मुझे नहीं पता कि उसे मेरे घर वाले कहां से पहचानते हैं, जब मैं उसे मिला तो मैंने काफी समय तक अपने घर वालों को उसके बारे में कुछ भी नहीं बताया था लेकिन जब एक दिन मेरी मम्मी राधिका से मिली तो वह मुझे कहने लगी कि क्या तुम राधिका को पहचानते हो, मैंने उन्हें कहा कि हां मैं राधिका को पहचानता हूं। मेरी मम्मी कहने लगी कि वह तो हमारे रिश्तेदार हैं लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि हम दोनों के बीच में प्यार होने लगा था।
राधिका और मैं एक-दूसरे को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं लेकिन हम दोनों ने अपने घर में इस बारे में कुछ भी नहीं बताया क्योंकि मुझे भी बहुत डर था और राधिका को भी डर था कि कहीं यह बात हमारे घर वालों को पता चलेगी तो कहीं वह लोग हम पर गुस्सा ना हो जाए इसी वजह से ना तो राधिका ने अपने माता पिता को कुछ भी बताया और ना ही मेरी हिम्मत अपने माता पिता से कुछ बताने की हुई। राधिका इंदौर में ही रहती है और वह सागर अपने किसी रिश्तेदार के घर आई हुई थी इसीलिए मैं उसे अपने घर पर लेकर गया था, हम दोनों फोन पर ही बात करते रहते थे। राधिका मुझसे कहती हैं कि यदि हम दोनों इसी तरीके से फोन पर बात करते रहे तो शायद हम दोनों का रिश्ता कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएगा लेकिन मैं भी चाहता था कि मेरी शादी राधिका से हो इसीलिए मैंने भी अपनी पूरी कोशिश करनी शुरू कर दी। मैंने यह बात सबसे पहले अपनी बहन को बताई, मेरी बहन कहने लगी क्या तुम्हारा दिमाग सही है, वह हमारे रिश्तेदार हैं और तुम दोनों के बीच में शादी जैसा कोई संबंध बन ही नहीं सकता इसके लिए पापा मम्मी बिल्कुल भी नहीं मानेंगे।
मैंने अपनी बहन से कहा कि तुम एक बार मम्मी पापा से बात कर के देखो क्योंकि वह तुम्हारी बात बहुत मानते हैं, मेरी बहन ने कहा कि मैं इस बारे में उनसे बात नहीं करूंगी लेकिन फिर भी यदि मैं कभी उनसे इस बारे में बात करूंगी तो मैं तुम्हें जरूर बताऊंगी। मुझे मेरी बहन के जरिये एकमात्र किरण दिखाई दे रही थी क्योंकि उसके अलावा मेरे पास और कोई रास्ता नहीं था जिससे कि मैं अपने माता पिता को अपने और राधिका के रिलेशन के बारे में बता पाता। मैं बहुत ज्यादा चिंतित हो गया, मुझे भी लगने लगा कि कहीं राधिका की शादी किसी और के साथ ना हो जाए, मेरे दिल में यही डर मुझे सताया जा रहा था। राधिका एक दिन मुझसे कहने लगी कि क्या तुमने अपने घर पर बात की, मैंने उसे कहा कि हां मैंने अपनी बहन से इस बारे में बात की है यदि वह मेरे माता पिता को समझाने में कामयाब रही तो शायद हम लोग अपनी शादी के लिए आगे कुछ बात छेड़ पाएंगे। राधिका के पास कोई भी जरिया नहीं था क्योंकि वह घर में इकलौती है और उसके घर वाले कभी भी हम दोनों के रिश्ते को स्वीकार नहीं करते। मैं राधिका से बहुत कम बार ही मिल पाया था लेकिन हम दोनों का रिलेशन काफी समय से चल रहा था, मैं राधिका से हर एक छोटी चीज के बारे में पूछ लिया करता। एक दिन वह मुझे कहने लगी कि हम लोगों को मिले हुए काफी समय हो चुका है यदि तुम मुझसे मिलने आ सकते हो तो तुम इंदौर आ जाओ, मैंने उसे कहा कि अभी तो कुछ ज्यादा ही काम है लेकिन कुछ समय बाद मैं फ्री हो जाऊंगा तो उसके बाद मैं इंदौर आने के बारे में सोच पाऊंगा। उसी बीच में मेरी बहन ने मुझे कहा कि मैंने मम्मी से इस बारे में पूछा लेकिन वह बिल्कुल भी तैयार नहीं है और मुझे नहीं लगता कि वह लोग तुम्हारी शादी के लिए मानने वाले हैं। मैं बहुत ही चिंतित हो गया और मुझे भी लगा कि मुझे कुछ समय के लिए राधिका से मिल लेना चाहिए इसीलिए मैंने राधिका को फोन किया और उसे कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए इंदौर आ रहा हूं, यदि तुम्हारे पास समय है तो तुम मुझे मिल लेना। वह कहने लगी मेरे पास तो समय ही समय है, मैं घर पर खाली ही बैठी हूं, कौन सा मेरे पास कोई काम है।
जब उसने मुझसे यह बात कही तो मुझे लगा कि शायद मुझे इंदौर चले जाना चाहिए, मैंने इस बारे में अपने पिताजी से बात की और कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए इंदौर जा रहा हूं, मुझे वहां पर कुछ काम है, वह कहने लगे कि तुम अगले हफ्ते इंदौर चले जाना क्योंकि अभी दुकान में ज्यादा काम है और मेरी तबीयत भी कुछ ठीक नहीं लग रही इसलिए तुम इस हफ्ते दुकान का काम संभाल लो, अगले हफ्ते से मैं दुकान का काम संभाल लूंगा, मैंने उन्हें कहा ठीक है आप इस हफ्ते घर पर ही आराम कर लीजिए और मैं अगले हफ्ते इंदौर चला जाऊंगा। मैं दुकान का काम संभालने लगा, मेरे पिताजी घर पर ही थे, वह एक हफ्ते तक दुकान में नहीं आए और एक हफ्ते तक मैं ज्यादा समय राधिका के साथ ही बात कर रहा था। जब मैंने राधिका से कहा कि मैं इंदौर आ रहा हूं तो वह बहुत ही खुश हुई और कहने लगी कि मैं बहुत ही खुश हूं जब तुमने मुझे बताया कि तुम इंदौर आ रहे हो। मैंने राधिका से कहा मेरा भी तुमसे मिलने का बहुत मन है, मुझे भी काफी वक्त हो चुका है तुमसे मिले हुए। जब यह बात मैंने राधिका को बताई तो वह कहने लगी कि तुम मेरी सहेली के घर पर ही रुक जाना क्योंकि उसके घर वाले कहीं बाहर गए हुए हैं और मैं उससे तुम्हारे रुकने के लिए बात कर लूंगी।
मैंने उसे कहा ठीक है, तुम उससे बात कर लेना यदि उसे कोई दिक्कत ना हो तो, जब राधिका ने मुझसे यह बात कही तो मैं बहुत ही खुश हो गया और अगले दिन मैं इंदौर पहुंच गया। जब मैं इंदौर पहुंचा तो मैं राधिका से मिलकर बहुत खुश हुआ, वह भी मुझसे मिलकर बहुत खुश हो गई। वह कहने लगी मैं कितने समय से तुम्हारा इंतजार कर रही थी, तुम्हारे बिना मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता, मैंने भी उससे कहा कि कौन सा मैं तुम्हारे बिना खुश हूं, मैं भी तो तुमसे शादी करना चाहता हूं लेकिन ना जाने यह मुसीबत कहां से आ गई यदि तुम हमारे रिश्तेदार नहीं होते तो शायद हम लोग कबकी शादी कर चुके होते। जब यह बात मैंने राधिका से कहीं तो वह कहने लगी कि मैं भी इसी दुविधा में फंसी हुई हूं यदि कहीं मेरे घर वालों ने इस बीच में मेरे लिए कोई लड़का देख लिया तो यह बहुत ही मुसीबत की बात हो जाएगी। मैंने उसे कहा कि चलो इस बारे में हम लोग बाद में देख लेंगे, अभी हम लोग कहीं बैठ जाते हैं, वह कहने लगी कि तुम्हारे रुकने की व्यवस्था मैंने अपनी सहेली के घर कर दी है, मैंने कल उससे बात कर ली थी और उसने मुझे चाबी भी दे दी है, हम दोनों उसके घर चले गए। जब हम लोग उसकी सहेली के घर गए तो राधिका मुझसे गले मिलने लगी। वह गले मिलकर रोने लगी और कहने लगी यदि मेरे साथ तुम्हारी शादी नहीं हुई तो मैं बिल्कुल भी जी नहीं पाऊंगी। मैंने उसे कहा तुम चिंता मत करो कोई ना कोई रास्ता जरूर निकल कर आ जाएगा अभी हमारे पास समय है। मैंने भी उसे गले लिया और वह कहने लगी कि मुझे बहुत ज्यादा टेंशन होती है जब मैं इस बारे में सोचती हूं। हम दोनों ही बिस्तर में बैठे हुए थे राधिका ने जींस पहनी हुई थी। जब मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखा तो वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई। मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था मैंने भी अपने लंड को बाहर निकाल लिया। राधिका ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और बड़े अच्छे से सकिंग करने लगी।
काफी देर तक उसने ऐसा ही किया उसके बाद जब मेरा पानी निकल गया तो वह कहने लगी कि तुम्हारे लंड से कुछ ज्यादा ही पानी निकल रहा है और मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा। मैंने उसे नंगा करते हुए जब उसकी चिकनी और मुलायम योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो काफी कोशिशों के बाद उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल पाया क्योंकि उसकी चूत आज तक किसी ने भी नहीं मारी थी। जैसे ही मेरा लंड उसकी टाइट चूत के अंदर गया तो मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लगा और वह बड़ी जोर से चिल्लाने लगी। मुझे बड़ा आनंद आ रहा था मैं उसे बड़ी तेज तेज धक्के दे रहा था। मैंने उसे कहा कि मुझे बहुत आनंद आ रहा है जब मैं तुम्हें चोद रहा हूं। राधिका मुझसे कहने लगी कि तुमने शादी से पहले ही मेरे साथ सुहागरात मना ली है मुझे बहुत अच्छा लग रहा है जिस प्रकार से तुम मुझे धक्के मार रहे हो। वह मेरा पूरा साथ दे रही थी और उसने अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया था मैंने उसे बड़ी तेज तेज धक्के मारे। मैं राधिका को इतनी तेजी से धक्के मार रहा था कि वह मुझे कहने लगी मुझसे तुम्हारे लंड की गर्मी को नहीं झेला जा रही है मेरी योनि में बहुत ज्यादा दर्द होने लगा है। मैंने जब उसकी योनि की तरफ देखा तो उसकी योनि से खून निकल रहा था और बड़ी तेजी से खून बाहर की तरफ को निकलता। मैंने उसके स्तनों को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और काफी देर तक मैं उसके स्तनों का रसपान करता रहा। मैंने उसके स्तनों को अपने दांतों से काट भी दिया था लेकिन जब मेरा वीर्य राधिका की योनि में गिरा तो मैंने उसे कसकर पकड़ लिया। हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर लेटे रहे मुझे नहीं पता था कि राधिका को चोदकर मुझे इतना अच्छा लगेगा। उसके बाद उसने मुझे कहा कि आज मैं घर जा रही हूं लेकिन कल हम दोनों दोबारा से सेक्स करेंगे। जब वह अगल दिन आई तो मैंने उसे अगले दिन भी बड़े अच्छे से चोदा। अभी हम दोनों की शादी नहीं हो पाई है और हम अपनी शादी के लिए अपने घरवालों को मनाने पर लगे हुए है।
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