मेरा नाम सनी है मैं भुज का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 32 वर्ष है। मुझे जुआ की बहुत ही गंदी आदत है और मैं जुए में बहुत पैसे हार चुका हूं लेकिन उसके बावजूद भी मैंने जुआ खेलना नहीं छोड़ा और इस वजह से मुझे बहुत नुकसान हुआ। मैं कुछ साल पहले विदेश में नौकरी करता था और मेरी एक बहुत ही अच्छी नौकरी थी, मैंने उसमें बहुत ही अच्छे पैसे कमाए थे और काफी पैसे मेरे सेविंग भी किये थे लेकिन मेरी जुए की आदत की वजह से मैं वह पैसे हार गया। मैंने काफी प्रॉपर्टी भी जोड़ कर रखी थी लेकिन वह भी मेरे हाथ से चली गई इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना मैं अब किसी और शहर में जाकर रहूं। मैं जब अहमदाबाद गया तो मैं अहमदाबाद में ही में रहने लगा, अहमदाबाद में मुझे रहते हुए दो वर्ष हो चुका है और इन दो वर्षों में मेरे जीवन में बहुत ही बदलाव आया है।
मैं अब अपनी सिंपल सी जिंदगी जी रहा था, मैंने कंपनी में नौकरी भी करनी शुरू कर दी लेकिन मेरे उतने से गुजारा नहीं हो रहा था इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना कुछ और काम शुरू कर लिया जाए इसीलिए मैंने अपने भाई से मदद ली और उसे कहा कि मुझे कुछ पैसों की आवश्यकता है यदि तुम मेरी मदद कर दो तो मैं तुम्हें वह पैसे कुछ दिनों बाद लौटा दूंगा, वह कहने लगा ठीक है तुम क्या करना चाहते हो, मैंने उसे बताया कि मुझे एक दुकान मिल रही है मैं उसे खरीदना चाहता हूं और वहीं पर कुछ काम शुरू कर लूंगा। वह कहने लगा ठीक है तुम मुझे बता देना, मैं अहमदाबाद आ जाऊंगा, एक बार तुम मुझे वह दुकान भी दिखा देना। मैंने अपने भैया से कहा ठीक है तुम अहमदाबाद आ जाना और मैं तुम्हें वह दुकान दिखा दूंगा, जब मेरे भैया अहमदाबाद आए तो मैंने उन्हें वह दुकान दिखाई। यह ज्यादा पुरानी बात नहीं है, यह अभी कुछ महीने पहले की ही बात है, मैंने अपने भैया को अपने साथ ही रुकवाया और जब उन्होंने वह दुकान देखी तो वह कहने लगे दुकान तो बहुत अच्छी जगह पर है, मैंने उन्हें बताया कि यह बहुत ही कम दाम पर मिल रही है इसीलिए मैंने आपको यहां पर बुलाया है।
भैया कहने लगे की तुमने यह अपने जीवन में पहली बार अच्छा काम किया है, नही तो तुमने बिलकुल भी अपने जीवन के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने मुझे पैसे दे दिए और कहा कि तुम इस दुकान का सौदा कर लो और मैं भी कुछ दिनों तक तुम्हारे साथ ही अहमदाबाद में रुकने वाला हूं, मैंने उन्हें कहा ठीक है आप मेरे साथ ही अहमदाबाद में रुक जाइए। मैंने एक कमरा भी लिखा हुआ था और वह मेरे साथ ही रुक गए, उस रात उन्होंने मुझे बहुत समझाया और कहा कि तुमने अपने जीवन को बहुत ही ज्यादा बर्बाद कर दिया है इसलिए अब तुम दोबारा यह गलती मत करना। मैंने अपने भैया से कहा कि मुझे एहसास हो चुका है इसीलिए मैं दोबारा से ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहता जिससे कि मुझे और मेरे परिवार वालों को कोई भी नुकसान हो। हम लोग जब अगले दिन गए तो मैंने उस दुकान का सौदा कर लिया और जब मैंने उस दुकान में काम करवाना शुरू किया तो उस दुकान में मेरा बहुत ही खर्चा हो, उसके बाद वहां पर मैंने अपना काम शुरू कर लिया, मैंने वहां पर हार्डवेयर का काम खोला। शुरुआत में तो मेरा काम नहीं चला लेकिन बाद बाद में मेरा काम अच्छा चलने लगा, मैंने कई लोगों के साथ भी मुलाकात की और उन्हें कहा कि तुम मेरे यहां से सामान लेकर जाया करो, मैं तुम्हें अच्छा खासा डिस्काउंट दे दिया करूंगा इसी वजह से वह लोग मुझसे सामान ले जाने लगे और मेरी दुकान में कई लोग छोटा-मोटा सामान लेने के लिए आ जाया करते थे। जब भी किसी को कुछ काम कराना होता तो वह मेरे पास आ जाया करते। मैंने अपनी दुकान पर सारा कुछ सामान रखवा लिया था इसी वजह से मेरी दुकान में अब काफी लोग आने लगे थे। जिस जगह पर मेरी दुकान थी उससे कुछ ही दूरी पर मैंने अपने रहने के लिए भी ले लिया और बीच-बीच में मेरे भैया भी मुझसे मिलने आ जाया करते। वह भी देखने लगे कि मेरा काम अच्छा चल रहा है तो वह बहुत ही खुश हुए और कहने लगे कि तुम इसी प्रकार से अपना काम करते रहो तो हमें भी बहुत खुशी होगी। जब उन्होंने पिता जी को बताया तो मेरे पिताजी भी बहुत खुश हो गये, वह कहने लगे कि यदि तुम पहले से ही इस प्रकार का काम करते तो शायद तुम अपने जीवन में कुछ अच्छा कर पाते लेकिन तुमने सारे पैसे जुए में खत्म कर दिए परन्तु अब हम तुम्हारे इस काम से बहुत ही खुश हैं।
मैंने उन्हें कहा कि मैं भी बहुत ही ज्यादा खुश हूं क्योंकि मुझे भी अपना काम अच्छा लगता है और मैं अपने काम में पूरा ध्यान देता हूं। मेरे पिताजी एक बहुत ही ईमानदार व्यक्ति हैं और जब से वह रिटायर हुए हैं, उसके बाद से उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती इस वजह से वह घर पर ही रहते हैं लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने मुझे बहुत ही समझाया और मेरा बहुत सपोर्ट किया। मैंने पहले उनकी बात कभी भी नहीं सुनी लेकिन जब मुझे एहसास हुआ तो मुझे लगने लगा कि मैंने अपने जीवन में बहुत सी गलतियां की है, यदि मैंने उन गलतियों को समय पर सुधार लिया होता तो शायद आज यह नौबत नहीं देखनी पड़ती लेकिन फिर भी मैं अपने लिए खुश था क्योकी अब मेरा काम अच्छे से चलने लगा है और मैं बिल्कुल निश्चिंत होकर अपना काम करने लगा। मेरी दुकान में मैंने जो लड़के रखे थे मैं उन्हें समय पर पैसे दे देता और वह लोग भी बहुत खुश थे क्योंकि उन्हें समय पर पैसा मिल जाता था, वह लोग भी पूरी इमानदारी और लगन से काम करते हैं।
एक बार मेरे पिताजी भी मुझसे मिलने आए थे और जब हम मिले तो मुझे भी उनसे मिलकर बहुत खुशी हुई, मैंने उन्हें मिलते ही गले लगा लिया और जब वह मेरी दुकान पर बैठे तो मुझे अपने अंदर से एक गर्व सा महसूस होने लगा क्योंकि मैंने कभी भी उनके चेहरे पर इतनी खुशी नहीं देखी जितनी उस दिन उनके चेहरे पर थी, मैं अंदर से ही बहुत खुश हो रहा था। कुछ दिनों तक वह हैदराबाद में रुके और उसके बाद वह वापस चले गए लेकिन अब वह मुझे हमेशा ही फोन करते थे और हमेशा ही समझाते कि तुम इसी प्रकार से काम करते रहो। मैं भी अब पूरी लगन और मेहनत से काम कर रहा था, मुझे भी अपने काम में बहुत मजा आने लगा और इसी दौरान मेरी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई जो कि बहुत बड़े कॉन्टैक्टर्स है और उन्होंने मुझे कई कॉन्ट्रैक्ट दिलवाए। वह मेरे पास से ही सामान लेकर जाते हैं और उन्हें जब भी कुछ भी सामान की जरूरत होती तो वह हम से ही लेते थे। अब मेरे उनसे घरेलू संबंध होने लगे थे और मैं उनके घर पर भी आने जाने लगा। मैं जब उनकी पत्नी से मिला तो वह बहुत ही ठरकी किस्म की है। जब मै उनसे पहली बार मिला तो उन्होंने मुझे पहली बार में ही अपना नंबर दे दिया। मैं उनसे फोन पर बात करता था लेकिन एक दिन उनकी चूत मे कुछ ज्यादा खुजली थी तो उन्होंने मुझे अपने घर बुला लिया। मैं जब उनके घर गया तो वह मुझे कहने लगी आज तुम मेरी चूत कि खुजली मिटा दो। मैंने भी उनके नरम और मुलायम होठों को बड़े अच्छे से चूसा और उसके बाद मैंने उन्हें वहीं बिस्तर पर लेटा दिया। मैंने उनसे कहा कि आप मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करो। उन्होंने जब मेरे लंड को चूसा तो मुझे बहुत अच्छा लगा उन्होंने चूस चूस कर मेरा पानी भी बाहर निकाल दिया। मैं बहुत ज्यादा खुश था वह मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक लेने लगी। मैंने भी उन्हें नंगा कर दिया और जब उनकी गांड मैंने देखी तो मेरा मन पूरा खराब हो गया। मैंने कहा कि आप के गांड तो बड़ी सेक्सी है। मैंने उनकी चूत के छेद पर अपने लंड को लगा दिया वह पूरी तरीके से सेक्स के लिए तैयार हो चुकी थी। मैंने जैसे ही अपने लंड को उनकी योनि के अंदर डाला तो मुझे बड़ा अच्छा लगा वह मचलने लगी और कहने लगी मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा है तुम जिस प्रकार से मुझे चोद रहे हो।
मैंने कहा कि मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है जिस प्रकार से मैं आपकी चूत मे अपने लंड को डाल रहा हूं। वह बहुत ही खुश हो गई और कहने लगी तुम्हारे साथ सेक्स कर के मुझे मजा ही आ रहा है। मैने काफी देर तक उन्हें चोदा लेकिन जैसे ही मेरा वीर्य गिरा तो उनकी चूत से अपने लंड को बाहर निकालते हुए मैंने भी अपने लंड को हिलाते हुए उनकी गांड के अंदर डाल दिया। जैसे ही मेरा लंड उनकी गांड के अंदर गया तो वह उछल पड़ी। मैंने बड़ी तेज गति से उन्हें झटके देना शुरू कर दिया। मैंने उन्हें कहा कि मुझे आपकी गांड मारने में बड़ा मजा आ रहा है जिस प्रकार से आपकी गांड के छेद के अंदर मेरा लंड जा रहा है मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। मैंने बड़ी तेज तेज भाभी को झटके दिए। वह भी अपनी चूतडो को मुझसे मिलाने लगी और उनकी गांड के अंदर मेरा पूरा लंड अंदर तक जाने लगा। मैं बहुत ज्यादा तेज गति से उन्हें झटके दे रहा था जिससे कि मेरा लंड पूरा छिल चुका था। भाभी कहने लगी मेरी गांड से खून आने लगा है और मुझे बहुत तकलीफ हो रही है। मैंने उन्हें कहा कि आपकी गांड इतनी ज्यादा सेक्सी है कि मेरा मन नहीं भर रहा है और ना ही मेरा माल गिर रहा है। भाभी मुझे कहने लगी जल्दी से तुम अपने लंड को बाहर निकालो नहीं तो मैं बेहोश हो जाऊंगी। मैंने उनकी चूतडो को कसकर पकड़ लिया और बड़ी तेज धक्के देने शुरू किए। मैंने इतनी तेज झटके मारे की उनकी गांड से कुछ ज्यादा ही गर्मी बाहर आ गई। जब मेरे माल गिरने वाला था तो मैंने उनकी बड़ी चूतडो पर अपने वीर्य को गिरा दिया। उसके बाद से मैं हमेशा ही उन्हें चोदता रहता हूं मुझे बहुत अच्छा लगता है जब मैं उन्हें चोदता हूं और वह मेरी हर इच्छा को पूरा कर देती हैं।
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