Tuesday, December 25, 2018

मेरी दोस्त की कज़न की चूत

hot ladki
हेल्लो दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है। आशा करता हूँ आप सबको यह कहानी पसन्द आएगी। मेरा नाम रोबिन है। मै साउथ दिल्ली के एक पोर्श कोलोनी मे रहता हूँ। मेरी हाइट 5″11 है और मै रोज़ जिम जाता हूँ। मेरे लन्ड की लम्बाई 7″ है और चौडाई 2.5″ है।
यह कहानी मेरी और मेरी दोस्त की कज़न की है जिसका नाम स्नेहा है। यह बात आज से एक साल पहले की है। मेरे साथ ओफ़िस मे एक लडकी काम करती थी जिससे मेरी रोज़ बात होती थी और जल्द ही हम अच्छे दोस्त बन गए।
मगर उसका पहले से ही एक बोय्फ़्रेन्ड था तो मेरी उसके साथ दाल नही गली।फ़िर कुछ टाइम बाद उसकी एक कज़न उसके यहाँ रहने आई जिससे उस्ने मुझे भी मिलवाया। और जब मैने उसे पहली बार देखा तो बस देखता ही रह गया। वो मेरी फ़्रेन्ड से हर मामले मे बडिया थी।
34 के बूब्स और 36 की गान्ड जिसे मै बस देखता ही रह गया। इतने मे मेरी फ़्रेन्ड ने मुझसे बोला नम्बर ले लेना जिस दिन मेरे बिना मिलने आओगे उस दिन आराम से घूरते रहना। जिसके बाद मैने बोला की नही मै तो बस यही सोच रहा था कि इतनी सुन्दर तेरी कज़न कैसे हो सकती है।
उस दिन के बाद उस्ने मुझे एक-दो बार फ़िर अपनी कज़न से मिलवाया जिसके बाद हमने भी एक-दूसरे का नम्बर ले लिया और फ़िर मेरी उससे फोन और मैसेज पे बाते शुरू हो गई। ऐसे ही कुछ दिन बीत गए फ़िर एक दिन मैने और उसने मिलने का प्लान बनाया और हम सफ़दजन्ग टोम्ब मे मिले। फ़िर कुछ देर इधर उधर की बात करने के बाद मैने उसे आई रेयली लाइक यू एन्ड आई लव यू बोल दिया।
उसका अजीब फ़ेस रिएक्शन देख के एक बार को तो मुझे लगा की कही उसे बुरा तो नही लगा लेकिन फ़िर जब उस्ने भी स्माइल करते हुए आइ लव यू टु बोला तो मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा फ़िर जल्दी से हम दोनो एक दुसरे के गले लग गए और फ़िर जैसे ही उसके 34 के बूब्स मेरी छाती पे गडने लगे तो मुझसे सब्र नही हुआ और मैने अपने हौन्ट उसके हौन्टो पे रख दिए और वो भी शायद इसी के इन्तज़ार मे थी।
फ़िर मैने धीरे से अपना एक हाथ उसके बूब्स पे रख दिया पहले तो उसने मेरा हाथ हटा दिया लेकिन जब मैने दोबारा अपना हाथ रखा तो इस बार उसने कुछ नही बोला। तो फ़िर मैने अपने दोनो हाथ उसके बूब्स पे रख दिये और आराम-आराम से दबाने लगा। मन तो कर रहा था कि बस अभी पकड के चोद दू लेकिन वहा पे इससे ज़्यादा कुछ नही हो सकता था।
फ़िर कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा कभी सफ़दरजग टोम्ब तो कभी अनसल प्लाज़ा मौल के पीछे वाले पार्क मे और फ़िर वो दिन भी आ ही गया जब मैने उसकी जमके चुदाई की। एक दिन हमने मेरे दोस्त के फ़्लैट पे मिलने का प्रोग्राम बनाया।
उस दिन मैने उसे मैटरो स्टेशन से पिक किया और अपने दोस्त के फ़्लैट पे ले गया। रास्ते मे मैने उसके लिये वोडका और खाने का सामान भी ले लिया था।
फ़िर जैसे ही हम उसके फ़्लैट पे पहुचे तो वो अपने फ़्लैट से निकल गया क्युकि मैने उसे पहले ही बोल दिया था कि तू मूवी देखने निकल जाइयो। फ़िर उसके जाते ही मैने वोडका के दो लार्ज पैग बनाए और दो-दो पैग मारने के बाद मै उसके बगल मे जाके बैठ गया और अपने हौन्ट उसके हौन्टो पे रख दिये और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
दस मिनट की चूसा-चासी के बाद मैने उसकी शर्ट उतार दी और ब्रा को उपर करके उसका एक बूब्स अपने मुह मे ले लिया जिससे उसके मुह से कुछ आवाज़े निकलने लगी। उसके बाद मैने एक-एक करके उसके दोनो बूब्स चूसे। फ़िर मैने उसकी ज़ीन्स भी उतार दी और उसकी चूत को पैन्टि के उपर से ही चूसने लगा जिससे उसकी सिसकारिया बडने लगी।
फ़िर मैने उसकी पैन्टि भी उतार दी और खुद भी पूरा नन्गा हो गया मैने फ़िर से उसकी चूत पे अपना मूह रख दिया और वो मेरा मूह अपनी चूत पे दबाने लगी और ज़ोर-ज़ोर से सिसकारने लगी। 5-6 मिनट की चुसाई मे उसने अपना रस छोड दिया जिसे मैने उसकी चूत और गान्ड पे फ़ैला दिया।
उसके बाद मैने अपना लन्ड उसके हाथ मे दे दिया और आगे पीछे करने को बोला और वो बडे मज़े से मेरे लन्ड को आगे पीछे करने लगी। फ़िर जब मैने उसे मूह मे लेने के लिए बोला तो पहले तो वो मना करने लगी फ़िर मेरे ज़ोर देने पे वो राज़ी हो गयी उसने सुपाडे तक ही मूह मे लिया और आगे पीछे करने लगी लेकिन ये उसका फ़र्स्ट टाइम था इसलिए वो सही से नही कर पा रही थी फ़िर मैने अपना लन्ड उसके मूह से निकाल के उसकी चूत पे रख दिया और घिसने लगा जिससे वो तडपने लगी और बोलने लगी कि अब नही रहा जाता प्लीज़ जल्दी से अन्दर डाल दो।
फ़िर मैने एक झटका मारा तो मेरा लन्ड फ़िसल गया उसकी चूत कुछ ज़्यादा ही टाइट थी फ़िर मैने पहले जाके तेल उठाया जिसे मैने अपने लन्ड और उसकी चूत पे अच्छे से लगाया। फ़िर मैने दोबारा अपना लन्ड उसकी चूत पे रखा और एक ज़ोर से झटका मारा और मेरा सुपाडा उसकी चूत मे घुस गया और उसके मूह से चीख निकली जिसे मैने अपना मूह रख के दबा दी।
फ़िर 3-4 मिनट रुक के जब वो कुछ शान्त हुई तो मैने सान्स खीच के फ़िर से एक झटका मारा और मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत मे चला गया और उसकी तो जैसे हालत ही खराब हो गई उसकी आन्खो से आन्सू बहने लगे फ़िर कुछ मिनट तक मै वैसे ही उसे चूसता रहा और उसके बूब्स दबाता रहा।
फ़िर जब उसका दर्द कम हो गया तो मै आराम-आराम से अपना लन्ड अन्दर बाहर करने लगा और फ़िर जब उसे भी मज़े आने लगे तो वो भी नीचे से कमर हिलाने लगी जिसके बाद मैने भी अपनी स्पीड बडा दी और कुछ ही देर मे जब मेरा निकलने को हुआ तो मैने अपना सारा माल उसकी चूत मे ही छोड दिया और उसका माल भी मेरे साथ ही निकल गया।
फ़िर मैने जल्दी से बेड शीट चेन्ज़ करके वाशिन्ग मशीन मे डाल दी क्योकि उसपर उसकी चूत से निकला खून लग गया था| इसके बाद मैने दो बार और उसकी चूत मारी। तो दोस्तो ये थी मेरी और स्नेहा की पहली चुदाई की दास्ता। उम्मीद करता हू आपको मेरी कहानी पसन्द आयी होगी

चूत से खून निकल रहा था

desi choot हाय फ्रेंड.. मे निकुंज हूँ। ओर यह मेरी न्यू स्टोरी हे. यह कहानी आरती
पर हे. आरती का अब 20 वा बर्थ डे था। उसके 2 भाई थे. दोनो बड़े. उसकी
मम्मी नही थी. उसके पापा ही उसके लिए सब कुछ थे. वो उसके पापा का सब कुछ
कहा मानती थी। उसको उसके दोनो भाइयो पर गर्व था। दोनो जिम जाकर अपनी
अच्छी हेल्थ बना ली
थी। उसके एक भाई का नाम था राजू और दूसरे का नाम था अनिल।
अब राजु, अनिल और उसके पापा सोच रहे थे की आरती को क्या गिफ्ट दी जाए जो
वो पूरी ज़िंदगी याद रखे. सबने कुछ डिसाइड किया.. अब क्या वो आगे पता चल
जाएगा। आज आरती का बर्थ डे है. वो रोज की तरह उठकर घर का काम कर रही थी.
पर आज उसे अपने भाइयो की नज़रे कुछ ठीक नही लग रही थी. वो उसे काफ़ी घूर
घूर कर देख रहे थे। आरती अपने मेक्सी मे काम कर रही थी. उसकी मेक्सी उसकी
गांड के उपर से थोड़ी सी फटी हुई थी।
आरती को लगा वो लोग वो छेद को देख रहे है इसलिए उसने मॅक्सी पर एक फोल्ड
कर दी. वो अब नीचे बैठकर सब्जी काट रही थी. राजू आया और फ़्रीज़ से पानी
की बोतल निकाली और पास मे बेठी आरती को किस किया और चला गया। फिर तुरंत
ही अनिल आया और ग्लास लेकर आरती के किस किया और चला गया. आरती को कुछ समज
नही आया और वो समझने के लिए बाहर हाल मे आई तो दोनो वही हॉल के सोफे पर
बैठे थे और पापा एक चेयर पर।
सामने टेबल पर एक केक रखा था. सब लोग उठे और आरती को केक काटने के लिए
कहने लगे. आरती जेसे ही केक पर लगी कॅंडल को भुजाने जुकी, राजू ने उसके
मॅक्सी का फोल्ड कीच दिया.. आरती के मॅक्सी का छेद उसे दिकने लगा। वो देख
कर राजू हंसने लगा. आरती शरमा गयी।
आरती ने झट से मॅक्सी के छेद पर हाथ रकने के लिए बडाया तो पापा ने अनिल
और राजू को कुछ इशारा किया. दोनो भाई ने आरती के हाथ पकड़ लिए… पापा ने
आरती के छेद को फाड़ना चालू किया.. आरती का पूरा मेक्सी फट गया था।
आरती चिल्लाती रही.. पर मदद करने कोन आता. पापा और दोनो भाई ने आरती का
गाउन निकाल दिया. अब वो सिर्फ़ पेंटी मे थी. और उसने ब्रा भी नही पहनी
थी। अनिल ने आरती का हाथ पकड़ लिया और राजू ने आरती के पीठ.. पापा ने
आरती के पेरो के बीच मे आकर अपनी पेंट उतार दी.. आरती तो ये देखकर दंग ही
रह गई.,. पापा का लंड तो एक हाथी के लंड की तरह था। आरती ने सोचा भी नही
था की ऐसा भी होगा।
पापा ने लंड तुरंत ही आरती की चूत पर रगड़ने लगे. आरती की चूत जरा भी
गीली नही थी. पर इस बात का पापा पर कुछ फर्क नही था. उनको तो सिर्फ़ अपनी
बेटी को रांड की तरह चोदना था। उन्होने फट से आरती के चूत मे अपना लंड
घुसा दिया. आरती को चिल्लाते देख सब को मज़ा आ रहा था. और एक शॉट मारते
ही पापा का आधा लंड आरती की चूत मे था. आरती जैसे बेहोश सी हो गयी थी.
उसकी चूत से खून निकल रहा था. राजू जल्दी से आरती के सर को पकड़ कर उसे
थप्पड़ मारने लगा. आरती कुछ होश मे आने लगी तभी राजू ने भी अपने लंड को
पेंट से बाहर निकाल कर आरती के मुह मे डाल दिया।
आरती ने उसको मुह मे रखा ही था अभी पापा ने और एक शॉट मारा. पापा का पूरा
लंड अपनी कुवारी बेटी के चूत मे था. आरती की आँखों से पानी आ रहा था. वो
रोने लगी थी. अब राजू ने उसके नाक पकड़ ली. आरती ने उसके मूह सांस लेने
के लिए खोला तो उसने अपने लंड काफ़ी अंदर तक डाल दिया. आरती को सास लेने
मे तकलीफ़ होने लगी। पापा ने नीचे आरती को फटाफट शॉट मारने चालू कर दिए.
आरती को दर्द के साथ साथ अब मज़ा भी आने लगा. अब उसकी चूत गीली भी होने
लगी।
अब वो पापा पापा कर के आहे भी भरने लगी.. ये देख कर अनिल ने आरती के हाथ
छोड़ कर अपना लंड भी निकाल दिया. यहा पापा जट जट धक्का मारने लगे. आरती
की तो साँसे फूल ही गयी थी,,,, वो अब जड़ने वाली थी और पापा भी… पापा ने
अपना सारा पानी आरती के अंदर छोड़ दिया… अब पापा शांत हो गये… आरती भी थक
गयी थी पर उसके भाई अभी बाकी थे। राजू ने आव देखा ना ताव.. उसने आरती के
अंदर अपना लंड डाल ही दिया। पापा के लंड से थोडा छोटा था और आरती की चूत
गीली होने के कारण उसका लंड आराम से चला गया।आरती को अब दर्द तोड़ा ही हो
रहा था. आरती अब फुल साथ दे रही थी. राजू अब शॉट पर शॉट मारने लगा..
पापा से काफ़ी जोरदार धक्के मार रहा था. आरती को भी काफ़ी मजा आ रहा था.
आरती भी सिसकिया निकाल कर मज़ा ले रही थी. राजू भी जल्द ही जड़ गया।
आरती को भी पता था की अब अनिल की बारी है. पापा और राजू, आरती के बोब्स
से खेलने लगे. दोनो एक एक करके आरती के बोब्स मूह मे लेकर मज़ा कर रहे
थे.. अनिल ने भी अपने पापा के जेसे जोश मे शॉट मारने लगा… वो भी जड़
गया.. चारो वही पर सो गये. उस दिन बस आरती को चोद चोद कर उसकी चूत का
भोसड़ा बना दिया।
यह था आरती का सर्प्राइज़ गिफ्ट….. तो दोस्तो केसी लगे मेरी ये स्टोरी।

बहन को मजे से चोदा

incest sex यह घटना अब से करीब 4 साल पहले की है. मेरी बहन कपड़ो पर इतना ध्यान नही
देती थी। बहुत बार ऐसे बैठती थी की उसके बोब्स या फिर पेंटी नज़र आते
थे। मै इन्हे देखकर गर्म हो जाता था. कभी-कभार बाथरूम मे जाकर मुठ मार
लेता। अक्सर मै खेल-खेल मे अपनी रूपाली को छू-लेता या फिर उसके दूध पकड
के दबा
देता।
एक बार हमारे घर वाले मामा के यहाँ गये थे. आउट ऑफ स्टेशन. मे और मेरी
बहन नही गये. मैने अपनी हरकते करना शुरू कर दी. बात-बात पर उसके बोब्स पर
हाथ मारना. उसके बोब्स दबा देना। एक दिन रात को मैने एक बहुत हॉट फिल्म
देखी. मे गर्म हो गया। मैने देखा मेरी बहन बेड पर एक टॉप और स्कर्ट पहन
कर सो रही थी. मुझसे रहा नही गया।
मे धीरे से उसके बेड के पास जाकर बैठ गया. उसकी बॉडी को देखता रहा. धीरे
से उसके बोब्स टॉप के उपर से सहलाने लगा। फिर मैने उसकी स्कर्ट की ओर
देखा. मैने उसका स्कर्ट उपर सरका दिया। वाह क्या नज़ारा था. बहन की
गोरे-गोरे पैर. थोड़ी देर उसके पैर को सहलाता रहा. फिर मे तोडा और उपर
गया और सहलाने लगा और फाइनली उसकी वाइट “वी” शेप की वाइट पेंटी दिखी.
मुझसे रहा नही गया और मैने उसके चूत को सहलाया और चूमा. इससे मेरी बहन
जाग गयी।
वो हैरान थी और बोली ” भैया ! यह क्या कर रहे हो? शर्म नही आती अपनी बहन
के साथ ” मे बोला तू लड़की है. मे लड़का हूँ. मुझे मन किया तो मैने छू
लिया ” वो बोली ” नही, यह ग़लत है… मम्मी पापा को पता चलेगा तो क्या
बोलेंगे? तुम मेरे रूम से चले जाओ “. मे चुप-चाप चला गया।
अगले दिन सब कुछ नॉर्मल था. मुझे फिल्म देखने का बड़ा मन कर रहा था. मे
मार्केट गया और वहाँ से एक अच्छी और कुछ सेक्सी फिल्म ले आया। मेरे रूम
मे मेरा अलग टी वी. है। मैने एक सेक्सी फिल्म देखी और दूसरे को आधे मे
छोड़ कर नहाने चला गया. जब मे नहा रहा था तो मेरी बहन बाथरूम के बाहर से
चिल्लाई के उसे स्केल नही मिल रहा। मेने कहा के मे बाहर आ कर देता हूँ.
तो वो रूम मे टीवी पर लगी सेक्सी फिल्म देखने लगी।
उसने ऐसी फिल्म पहले नही देखी थी. मे बाहर आया तो देखा वो फिल्म देख रही
थी. मैने कुछ नही कहा.चुप-चाप हमने फिल्म देखी और अपना लंच किया. फिर
मैने बहन से पूछा ” और एक फिल्म देखनी है ?”. तो उसने कहा हां। मैने पहले
वाली सेक्सी फिल्म लगा दी. हम दोनो बेड पर पेट के बल लेट कर फिल्म देखने
लगे. फिल्म मे बहुत से हॉट सीन थे. उन्हे देख कर रूपाली भी गर्म हो गयी।
देखते -देखते मैने अपना हाथ उसके स्कर्ट के उपर सहलाने लगा. वो बोली ”
नही भैया यह सब नही.” मे बोला ” मे तो सिर्फ़ कपडे के उपर से मजा ले रहा
हूँ. थोरी देर टच करने दो कपडे के उपर से ही प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़.” वो बोली
” ठीक हे पर उपर से ही “.मैने कहा हा-हा और उसके पिछवाड़े को स्कर्ट के
उपर से सहलाने लगा. दबाने लगा।
फिर धीरे से उसके स्कर्ट के अंदर उसकी पेंटी के उपर. वो फिर बोली ” तुमने
कहा था उपर से ही सहलाओगे ” मे बोला ” हा तो पेंटी के कपडे के उपर ही तो
है”।
उसे भी मजा आने लगा था तो चुप-चाप फिल्म देखने लगी. अब मे पेंटी के उपर
से सहला रहा था. फिर मैने उसके अन्दर की तरफ उसकी चूत को भी सहलाने,
दबाने लगा. उसके मूह से कभी-कभी दबी सी आवाज निकलती ” ओह आ मम” । मैने
उसका स्कर्ट पीछे से उठाया और उसके गोरे-गोरे पिछवाड़े को देखने लगा। फिर
पेंटी के उपर से ही किस किया. अब तक उसने आँखे बंद कर ली थी।
मैने उसे सीधा लिटाया और उसके पेंटी के उपर उसके चूत को किस करने लगा. वो
“आ म्म्म ओह भैया आआ” करने लगी. मैने जब देखा की वो गर्म हो गयी है तो
मैने उसके पेंटी के साइड से अंदर हाथ घुसा दिया और उसकी चूत पेंटी के
अंदर सहलाने लगा। वो “अहह म्म्म नहियीई भैया” बोल रही थी। मैने ने उसकी
पेंटी उतार दी. तब वो होश मे आई और बोली ” नही यह सब ठीक नही है भैया.
मम्मी पापा को पता चलेगा तो क्या सोचेंगे?” मैने कहा ” कुछ ग़लत नही है
और उन्हे पता नही चलेगा. बस एक बार रूपाली प्लज़्ज़्ज़”।
मे उसकी चूत को चूमने लगा और उसे पागल कर दिया. उसकी चूत को किस
करते-करते अपने दोनो हाथ उसकी टॉप के अंदर ले जा कर उसकी ब्रा के अंदर
उसकी चुचियाँ यानी दूध ओर बोब्स दबाने लगा। उसे बहुत मजा आने लगा. मैने
ने पूछा ” कैसा लग रहा है? ” उसने कहा ” आह बहुत अच्छा भेया “।
फिर मैने उसके पूरे कपडे उतार कर उसे एक दम नंगा कर दिया. अब मे उसकी
पूरी बॉडी को चूम रहा था, सहला रहा था. मैने उसकी एक चूची मुहं मे लेकर
चूसने लगा तो दूसरे को हाथ से दबा रहा था. और वो मेरा सर के बाल सहला रही
थी।
15 मि. बाद मैने उसकी चूत मे अपना लंड लगाया और प्रेशर दिया. वो चिल्ला
गयी ” नहि..ईई भैया बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैने उसकी चूत पर तोडा
वॅसलीन लगा कर फिर से घुसाया अपने लंड को। 3-4 बार ट्राइ करने पर मेरा
पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया. तोडा सा खून भी निकला। फिर थोडी देर
बाद उसे मजा आने लगा. वो बोली ” अहहहहह भैया बहुत मज़ा आ रहा
हे..इईईईईईई. जोर से करो “।
हम दोनो पसीना -पसीना हो रहे थे. मुझे लगा की वो झड गयी है . पर मे
कंटिन्यू करता रहा और कुछ देर बाद मुझे लगा की मेरा निकलने वाला है तो
मेने टाइम पर लंड निकाल कर सारा माल उसकी छाती पर और मूह पर डाल दिया। ओर
फिर मे उसके बगल मे लेट गया. ओर फिर वो बेड पर से उठी ओर बाथरूम मे चली
गयी।
उसके बाद तो हम दोनों कभी भी समय मिलता तो हम सेक्स या छेड़छाड़ करे बगेर नही रहते।

दोस्त की बीवी की चुदाई

xxx story इस हिस्से के सभी प्यारे दोस्तो एवं सहेलियों को मेरा प्यार भरा नमस्कार
में अपने अनुभव के साथ आ गया हूँ. बात अभी दो दिन पहले की ही है. मुझे
चोदने की बुरी आदत हो गई है. जब तक एक बार चुदाई ना कर लू नींद ही नही
आती. मेरी वाइफ भी एक दम ठंडी पड़ी रहती है. उसे उकसाने के बाद बड़ी
मुश्किल से वो करने देती है.
दोस्तो आप लोग मेरी समस्या समझ रहे होगे. कितनी विकट समस्या और ऊपर से
चुदाई का आलम एक तो मदहोशी का आलम उपर से लंड ने गदर ढाई है. यारो मत
पूछो मेरी तबीयत की चुदाई की कितनी याद आई है. फनफनाते लंड को कैसे दबाता
हूँ. मैंने यारो कई बार हाथो से ही रग़ड कर उसकी जान निकाली है.
जब जिसकी ज़रूरत हो और खुदा से जिसे दिल से माँगो तो वो मिल ही जाती है.
ठीक यही हुआ मेरे साथ, मेरे साथ के मेरे घनिष्ट मित्र अपने परिवार के साथ
अचानक आ गए. उन्हे अपनी पत्नी को लखनऊ ले के जाना था.
उनके बच्चे की तबीयत खराब हुई तो बीच रास्ते मे ही उन्होने निश्चय किया.
की ओम मल्होत्रा के घर चलते है. वैसे भी राकेश को मेरे यहां आने मे
दिक्कत नही होती है. ड्रिंक करने का शोकीन है शाम 8:00 बजे से ही बोतल की
ढक्कन खुल जाती है.
लेकिन बुराई ये है 3-4 पेग के बाद उससे सम्भलती नही बेहोश हो जाता है.
यही हुआ अभी, उसे सम्भालना पड़ा समय ज़्यादा हो गया था. मैंने अपनी वाइफ
को बोला बच्चो के साथ तुम सो जाओ. वो मेरे और राकेश के बच्चो को ले कर
सोने चली गई.
ईधर मै और राकेश की वाइफ राकेश को सम्भालते हुए आपस मे बाते करने लगे. ये
राक्षस भी जब साले को हजम नही होती तो इतनी क्यो पी लेता है. “तों वो
बोली” इनका तो रोज का यही हाल है. बच्चे को सम्भालू या इन्हे – तब तो
बड़ी दिक्कत होती होगी ना.
हाँ कई दिन गुजर जाते है, रात मे इनसे बात किए हुए-तब तो रात के काम भी
नही हो पाते होगे. मैने घुमा कर कहा. हाँ,(आहे भरते हुए उसने कहा)-तब तो
आप प्यासी रह जाती होगी, अगर आप कहे तो मै आप की मदद करू. (बड़ी हिम्मत
जुटा कर कहा था.)उसकी मुस्कुराती आँखो से इशारा मिलते ही में उसके पास आ
गया. और उसके होटो पर आकर किस जड़ दिया. आँखो मे खुला आमंत्रण था. मै जोश
मे आ गया और उसके होटो को मूहँ मे भर कर चूसने लगा. और जोरो से चूसा उधर
हाथो से बोब्स दबाए जा राहा था. दबाते-दबाते मै उसकी चूत की तरफ अपना हाथ
ले गया और चूत मे उंगली डाली.
उसकी चूत गजब की गीली हुई पड़ी थी. और वो खुद मदहोश हुए जा रही थी. तवा
एक दम गरम था. मै भी पूरे जोश मे बस मन कर रहा था लंड को निकाल कर जल्दी
से चूत मे डाल दू. उस रात 3 बार उसकी चुदाई की धीरे- धीरे बताता हूँ.
होटो को जेसे ही छोड़ा वो सिस्काए मरने लगी जान………न्न्-ाीननन्……न्‍नन्न्
ज…लल्ल्ल्ल…….दी से चो………दददददो चू…..तत्त……त्त्त्तत्त बेचैन है. मैने
जल्दी से उसके कपड़े उतार दिए और अपने भी उतार दिए मूहँ मे उसके बोब्स के
निप्पल डाल कर चूसने लगा. बस खा जाने वाले अंदाज मे चूसे जा रहा था.
और वो सिसकारिया मारे जा रही थी आहह…… जान और ज़ोर से चूसो मज़ा आ गया
जान ऐसा तो राकेश ने कभी भी नही किया मैने अपना लंड उसके हाथ मे दे दिया.
हाथ मे मोटा लंड पकड़ते ही चीख निकल गई और बोली ” इतना मोटा लंड कैसे
घुसेगा ” वो मस्त हुई जा रही थी. और मैरा सब्र बी ख़त्म हुऐ जा रहा था.
मै उसके उपर आ गया. लंड को उसकी चूत से सटाया और धक्का देते ही पूरा सिर
अंदर घुस गया.
वो चीखी मैने जल्दी से उसका मुहँ दबाया और बोला चिल्लओ मत सब जाग जाएंगे.
वो आहिस्ते से दर्द बयां करने लगी आआआ… जान मार दिया तूने! मै धीरे-धीरे
लंड को अंदर करने लगा बस थोड़ी देर मे ही वो मस्ती की चाले भरने लगी— ”
मेरे राजा जमके चोदो तुम्हारा लंड तो बड़ा ही मस्त है ” आज जम के चोदो.
आआआअ जिओ मेरे रररररा…….आआआ………ज्ज्ज्ज्ज्जा…और चोदो आआआ हह आआआआ वो भी
नीचे से गांड उछाल उछाल कर चुदा रही थी. वो मस्त हो कर चुदा रही थी. और
मै धक्के लगाए जा रहा था. मेरे राजा निककककककककककक…लल्ल………. रहा है मेरी
चुत का पानी वो झड़ रही थी आहाआआआआ जान ये ल्ल्ल्ललो मेरे
लन्न्न्न्नन्न…… न्ड्चुत का
प्प्प्प्पा………प्प्पा…न्न्न्नीन्न्न्नीन्नी…………ईईईईईईईईईईईई ये कहते हुए
मै उसकी चुत मे ही झड़ गया.
हम दोनो चिपक कर लेट गये. उसने मुझे कस कर चिपका लिया था बता रही थी आज
बहुत दिनों बाद उसने चुदाई का आनंद लिया था. इतनी मस्ती उसे बस सुहागरात
वाले दिन ही आई थी. उसके बाद वो कभी सन्तुष्ट नही हो पाई. अब तो वो खुल
कर बाते किए जा रही थी….उसने फिर से लंड को पकड़ लिया था, मै बोला “क्या
हुआ अभी मन नही भरा क्या”.
उसने कहा “नही और चुदाई करो ना” अभी चोदे हुए 15 मिनट ही हुए थे उसका मन
फिर से करने लगा मैने उसकी टॅंगो को चौड़ा किया और उसकी चूत चाटने लगा.
वो बोली ये क्या कर रहे हो, ऐसा करते हुए मै समझ गया कि उसने आज तक चूत
चटाई का मज़ा नही लिया है. मै ज़ोरों से उसकी चूत चाटने लगा. वो मादकता
मे डूबने लगी………………… “चूत वो बला है, जो अच्छों-अच्छों का मन डूला दे.
बुड्डो को भी जवान बना दे, बुझे लंड मे भी जान डाल दे.”
यही हाल हुआ मेरे झडे हुए लंड का और फंफना के खड़ा हो गया. मै उसकी चूत
को जोरो से चाट रहा था आआआआअहह………..आ……..न………ई………..ल मेरी
ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्जजा….. आआआआअ………….न्न्आआआननननन……….. ऐसे…क्यययायायाया
……………किईईईईई……ऐऐऐऐऐऐऐएऐ…………. ज़ाआाआआआआ ……..रहेऐऐऐऐऐऐऐ……………. होऊऊऊऊओ.
उसने मेरे बालो को कस के पकड़ लिया
मज़्ज़्ज़्जाज़्ज़्ज़्जजाज़्जा……आआआआआआ ………….रहा है.
ववववाआआहाहाह……….उसकी इतनी मस्त चूत चटाई किसी ने नही की, मैने अपनी जीभ
को जैसे ही उसकी चूत मे घुसाया तों वो चीख उठी आहा मार डाला मेरे बालो को
ज़ोर से नोच लिया मेरी तो बारह यहीं बजा दी. चूसो राजा और ज़ोर से…… थक
गये हो तो बताओ मै ऊपर आ कर चुदवा लू……. इस भोसडी को….. ओह अब मैं
नहीहीईईईईईईईईईईईई………….रुक्कककककककक सकती हूँ.
यह लो मै आ गई हूँ अब राजा तुम भी आ जाओ” वो अपनी मस्ती मे बोले जा रही
थी मै समझ गया था. अब इसकी चूत मे लंड डालना पड़ेगा लेकिन इस बार जल्दी
नही थी. मै उसे लंड चूसाना चाह रहा था. इतना अंदाज़ा लग गया था. की जब
राकेश ने कभी इसकी चूत नही चूसी तो साले ने लंड भी नही चूसाया होगा.
ये अभी मस्त हैं तो मस्ती मे पूरा लंड चूस लेगी मैने उससे लंड चूसने को
बोला पहले तो कुन्मुनाई जब बताया अभी और मस्ती आएगी तो वो लंड चूसने को
राज़ी हो गई. तुम्हारा लंड बडा जानदार है……. बहुत आच्छा लग रहा
हाईईईईईईईईईईईईईई….. हाईईईईईई और ज़ोर सीईई मेरे राज्ज्जज्जज्जा…… और
ज़ोर…… ..सीईए…….मेरे मूहँ को ही चोदोगे क्या लंड हेहेहेहे……. ओह
म्ह………हह वो गजब से चूसे जा रही थी. मै सोच रहा था. जो अभी मना कर रही थी
और वो अब कितनी मस्त हो कर लंड को मूहँ मे लिए जा रही हैं.
मैने उसे 69 पोज़िशन मे लिटाया और चालू हो गया आज उसे लंड और चूत के सारे
तरीके सीखा देना चाहता था. जिससे अगली बार और मस्ती मे चूदाई कर सकू कुछ
बी बताना नही पडेगा. अब तो उसे चोदने का मन हो रहा था.
लंड को उसकी चूत से सटा कर ज्यो ही अंदर डाला वो चीख उठी ओह चोदो मेरे
राजा…… क्या जानदार लोडा है……मेरी चूत को चोद-चोद कर निहाल कर दो…… मारो
राजा मारो…….कस कस कर धक्के मारो…….चोद
दो…..चो…..ओओओओ……..ददद……डालो…हाईईईईईईईई……..मैमैमैमै…….म….अअअ……रररर……….
गइईईई”………. और वो भल भला कर झर गयी 1:30 घंटे चुदाई चली.
जो पाठक चूत का मजा ले रहे है वो समझ रहे होंगे दूसरे राउंड मे चुदाई का
क्या मज़ा होता है.
धन्यवाद

चुदाई की कोचिंग

हेलो रीडर्स. में बबलू. उम्मीद है यह स्टोरी मेरे सभी पढ़ने वालों को
बेहद पसंद आयेगी. और खास कर लड़कियों और आंटीयों को तो सबसे पहले मैं
अपना परिचय दे दूं. में बबलू जयपुर से मुझे 10वी क्लास से ही सेक्स करने
की इच्छा बहुत ज़ोर की थी. मैं हमेशा एक शादीशुदा औरत के साथ ही पहली बार
सेक्स करना चाहता था
क्योंकी उसे बहुत एक्सपीरियेन्स होता हैं. बात उस समय की है जब मैं 12वी
क्लास मे पढ़ा करता था. मैं इंग्लिश की कोचिंग के लिये एक सर के घर जाता
था. हम लोग 5 दोस्त एक साथ जाते थे. टीचर हम सब को दोपहर 3 बजे बुलाते थे
और 5 बजे छोड़ते थे. हम लोग रोज कोचिंग जाते थे. सर भी शादीशुदा थे और सर
की बीवी एक दम मस्त थी और बहुत ही खूबसूरत थी. जिस दिन से मैने उसे देखा
था, में बस उसी के बारे मैं सोचता था. उसका नाम सोनिया था. वो एक बंगाली
टीचर थी.
मैं आपको बता दूं, की सोनिया रोज दोपहर को अपने बेडरूम मे सोती थी और सर
हमे हॉल मे पढ़ाते थे. उसके उठने का टाइम 4.30 बजे था. वो हर रोज 4.30
बजे के लगभग सो कर उठती थी और गाउन पहन कर बाथरूम के लिये जाती थी जो एक
सब के लिये बाथरूम था, हॉल मे. हम जहा पढ़ते थे वो हॉल बाथरूम के जस्ट
पास ही था. और वो जब टायलेट करती थी तो उसका मूत इतने प्रेशर के साथ
निकलता था की उसकी आवाज़ हमारे कानो तक जाती थी. बस यही तमन्ना मन मे
होती थी के एक बार उसके साथ सेक्स करने को मिल जाये तो ज़िंदगी हसीन हो
जाये.ऐसे ही दिन गुज़रते गये, और कुछ दिन बाद हमारे सर जो वहा के एक
स्कूल मे टीचर थे, उनका ट्रान्सफर हो गया. तभी सर ने हमसे कहा की उनका
ट्रान्सफर हो गया है इसलिये हम किसी और टीचर का इंतजाम कर लें. फिर सर ने
एक राय दी और कहा की उनकी बीवी भी वो ही सब्जेक्ट पढ़ाती है, अगर हम
चाहे तो उनसे कोचिंग ले सकते हैं. क्योकी सर का ट्रान्सफर कुछ समय के लिए
ही हुआ था और उन्हे अभी फैमिली ले जाने का ऑर्डर और फ्लेट नही मिला था.
इसीलिये सर अकेले जा रहे थे. मेरे सभी दोस्तों ने मना कर दिया और दूसरे
टीचर को जॉइन कर लिया. मगर मैं सोनिया मेडम से कोचिंग लेने को राज़ी हो
गया. सर ने भी मुझे थैंक्स कहा. जब सर जाने लगे तो उन्होने मुझे कुछ बाते
बताई की मैं अपनी टीचर का ध्यान रखूं, अगर उन्हे कोई चीज़ चाहिये तो
उन्हे ला दूँ, आदि और मैने सर को भरोसा दिलाया की मैं ऐसा ही करूँगा. फिर
सर चले गये.
मेडम घर मे एकदम अकेली. उनको कोई बच्चा भी नही था. फिर मैंने मेडम से
कोचिंग लेना शुरू कर दिया और कुछ ही दिन मे मैं मेडम का दोस्त भी बन गया
और मेडम मेरी दोस्त बन गई. मैं मेडम का बहुत ख्याल रखता था और मेडम मुझे
एक स्टूडेंट की तरह बहुत प्यार भी करती थी. धीरे धीरे 1 महीना बीत गया.
फिर एक दिन मैने मेडम से कहा मेडम आपको सर की याद नही आती, मेडम ने कहा
याद तो बहुत आती है मगर कोई और रास्ता भी तो नही है. फिर मैने मेडम को
हिम्मत करके कहा मेडम एक बात पूंछू तो मेडम ने कहा तुम मुझसे कुछ बोलो
उससे पहले मैं तुम्हे एक बात बोलना चाहती हूँ. तो मेडम ने कहा की “जब हम
दोनो एक दूसरे का इतना ख्याल रखते हैं और दोस्त भी हैं तो फिर आज से तुम
मुझे मेडम नही बल्कि सोनिया बोलोगे.
और वैसे भी तुम पूरे दिन मेरे घर मे ही तो रहते हो इसलिये मुझे मेडम
सुनना अच्छा नही लगता.” मैं राज़ी हो गया.
फिर सोनिया ने कहा की तुम कुछ पूछ रहे थे तो मैने बहुत हिम्मत करके कहा
की सोनिया फिर मैं चुप हो गया और आधी बात मे ही रुक गया. तो सोनिया बोली
क्या बात है और मैने कुछ नही कहा. फिर उसने मुझे अपनी कसम दी और बोली कहो
ना नही तो मुझसे बात मत करना और मुझ से कोचिंग भी मत पढ़ने आना. मैने फिर
कहा की तुम बुरा तो नही मानोगी तो उसने कहा नही फिर मैं बोला की तुम्हे
क्या सेक्स करने का मन नही करता. ऐसा कहने पर सोनिया चुप हो गयी और मेरी
तरफ आश्चर्य से देखा. मैं डर गया था और मैने उसे सॉरी कहा तो उसने कहा की
तुम्हे सॉरी नही बल्कि मुझे तुम्हे थैंक्स कहना चाहिये.तुम्हे मेरा कितना ख्याल है और मेरे पति को मेरा ज़रा सा भी ख्याल नही.
और उसने मुझे मेरे गाल पर एक किस दिया. फिर हमने साथ मे डिनर किया और मैं
अपने घर चला गया. फिर कुछ दिन बाद, मैं एक दिन सोनिया के घर गया मगर वो
घर मे दिखाई नही दे रही थी. मैं हर एक रूम देख रहा था मगर वो कही नही थी.
फिर मैने बाथरूम का गेट खोला और मैने वो देखा जो मैने कभी सोचा भी नही
था. बाथरूम का गेट बन्द नही था और जैसे ही मैने गेट खोला तो देखा की
सोनिया अपने बाथरूम मे बैठी थी. उसका गाउन, ब्रा और पेन्टी पास ही मे रखे
थे.
वो एकदम नंगी थी और उसने अपने बाये हाथ की तीन उंगलीयां अपनी चूत मे घुसा
रखी थी और दाये हाथ से अपनी चूचि को दबा रही थी. उसकी आँखे बंद थी और वो
मज़ा ले रही थी. मैं करीब 5 मिनिट तक बिना कुछ कहे उसे देखता रहा. मेरा
लंड पूरा खड़ा और हार्ड हो गया था और मेरा मन कर रहा था की अभी उसे चोद
दूं. मगर मैने अपने आप को संभाले रखा. कुछ देर बाद मैने कहा सोनिया यह
क्या! सोनिया बिल्कुल डर गई और अपनी उंगली बाहर निकाल कर अपने गाउन से
अपने जिस्म को ढकने लगी और मेरी तरफ देखती हुई अपने रूम मे चली गई. मैं
हॉल मे एक सोफे पर बैठ गया. कुछ देर बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई और मेरे
पास बैठ गई और कहने लगी. तुम्हे क्या पता एक शादीशुदा औरत इतने दिन अपने
पति के बगैर कैसे रह सकती है. सेक्स तो हर एक को चाहिये और ऐसा कह कर मुझ
से लिपट कर रोने लगी. फिर मैने उसे संभाला.
फिर उसने मुझे यह बात किसी से नही कहने को कहा, उसके पति से भी नही. में
राज़ी हो गया. फिर मैने कहा की अगर तुम्हे सेक्स की इतनी ही चाहत है तो
मैं तुम्हारी यह चाहत पूरी कर सकता हूँ. ऐसा कहने पर वो और ज़ोर से मुझसे
लिपट गई और मुझे फिर से एक किस दी और कहा “सच? क्या तुम मुझे प्यार
करोगे. और मेरे पति को भी नही बताओगे. तुम कितने अच्छे हो”. ऐसा कह कर वो
मुझे चूमने लगी और मैं भी उसे कस कर अपनी बाहों मे दबाने लगा. और कुछ देर
तक हम वैसे ही रहे. फिर मैं जाने की लिये उठने लगा तो उसने कहा कहा जा
रहे हो और मुझे कब प्यार करोगे. मैने कहा मैं शाम को 8 बजे आऊँगा. और फिर
में चला गया.
मैं शाम को उसके घर पहुँचा और अंदर गया तो देखा की उसने एक बहुत ही सुंदर
साड़ी पहन रखी थी. उसके बड़े बड़े बोबे उसके ब्लाउज से बाहर आने को तड़प
रहे थे. उसका पेट पूरा दिखाई दे रहा था. क्योकी वो शादीशुदा थी, उसका
जिस्म पूरा हरा भरा था. और मुझे ऐसी ही औरत अच्छी लगती थी. उसकी कमर बड़ी
बड़ी थी और गोल भी थी. वो पूरी गोरी नही थी पर उसका रंग बहुत ही मस्त था.
वो बहुत ही सुंदर और गर्म औरत थी. उसके होठ बड़े बड़े और आँखे मोटी मोटी
थी. उसकी उंगली लंबी लंबी थी. वो सर से पैर तक चोदने लायक थी. उसे देख कर
ऐसा लगता था जैसे वो चुदवाने के लिये बिल्कुल तैयार है. वो मुझे अपने
कमरे मे ले गई और अपने बेडरूम का गेट बंद कर दिया. उसके बाल खुले थे.
मैने उसे कहा, की आज मैं उसे हर तरह से खुश और उसकी सेक्स की गर्मी को
ठंडा कर दूँगा. वो मुस्कुरा कर बोली चलो देखते हैं.
उसके ऐसा कहने पर मेरा लंड और गर्म हो गया. और मैने उसे अपनी बाहों मे भर
लिया और उसके होठों को चूमने लगा. फिर मैने उसे बेड पर बिठाया और उसके
पेट पर अपना हाथ फेरने लगा. वो भी फिर जोश मे आने लगी और मेरे सिर के बाल
को सहलाने लगी. मैने उसकी चूचियों को अपने एक हाथ से ज़ोर से पकड़ लिया
और दबाने लगा. उसे पहले तो थोड़ा दर्द होने लगा और फिर शांत हो गई और मैं
उन्हे दबाता रहा और ऐसा करते करते उसकी साड़ी के पल्लू को उपर से गिरा
दिया. और धीरे धीरे उसकी साड़ी खोल दी. वो अपने लहँगे मे और ब्लाउज मे
थी. फिर उसने मेरी शर्ट, और पेन्ट को उतार दिया. मैं सिर्फ़ चड्डी मे था.
उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे उपर सो गयी और मेरी छाती को चूमने और
चाटने लगी. उसके ऐसा करने पर मुझे लगा की इसे पूरा एक्सपीरियेन्स है. और
मुझे फिर उसकी चूत की गर्मी का भी एहसास हो गया. वो मुझे कुछ देर तक
चूमती रही और कहा की तुम मेरी चूचि का मज़ा नही लेना चाहते और ऐसा कहते
कहते उसने अपना ब्लाउज उतार दिया. उसकी दोनो बड़ी बड़ी चूचियों को देख कर
मैं हैरान रह गया. उसकी निपल ब्राउन रंग की थी और उसके बोबे का रंग
बिल्कुल गोरा था. मैने उसे एक बार मे बेड पर लेटा दिया और उसके उपर चढ़
कर उसके एक बोबे को चूसने लगा और दूसरे को दबाने लगा. वो ज़ोर से आहे
भरने लगी और मुझे और ज़ोर से दबाने को कहा. मैने ऐसा ही किया. उसने मेरे
सिर को पीछे से पकड़ कर ज़ोर से अपने बोबे पर रगड़ने लगी. ऐसा लगता था
जैसे वो अपने पूरे बोबे को मेरे मुहँ मे भर देना चाहती है. कुछ देर बाद
मैने उसके लहँगे का नाडा खोल दिया और उसे उतार कर फेक दिया.
वो एक सुंदर फूलो वाली गुलाबी रंग की पेन्टी पहनी हुई थी. उसे देख कर ऐसा
लग रहा था की अभी अपना गर्म लंड उसकी चूत मे घुसा दूँ. उसकी गोरी जाघें
मोटी मोटी और अच्छी शेप मे थी. मैने उससे पूछा की तुम अपने पति के साथ
सेक्स कैसे करती हो. तो उसने कहा की वो मुझे ज़्यादा मज़ा नही देते. मेरी
चूचि को कुछ देर चूसते हैं और अपना लंड मेरी चूत मे डाल देते हैं और कुछ
ही देर मे झड़ जाते हैं. मुझे तो झड़ने का मौका ही नही मिलता. तुमने मुझे
जिस दिन बाथरूम मे उंगली करते देखा था वो तो मे उनके होते हुये भी करती
हूँ. मैने कहा और कुछ नही करती हो. उसने कहा और होता ही क्या है. तो मैने
उससे कहा की तुम्हे तो अभी बहुत कुछ सीखाना बाकी है. उसने कहा सच, अगर
ऐसा है तो जल्दी करो ना. और ऐसा कहने पर मैने उसकी पेन्टी को धीरे धीरे
उतार दिया. मैने उसे बिल्कुल नंगी कर दिया था.
मैने पहली बार किसी औरत की चूत को ऐसे देखा था. उसकी चूत बिल्कुल टाइट
थी. उस पर हल्के हल्के ब्राउन रंग के बाल चारो तरफ थे. मैने फिर अपनी
चड्डी उतारी तो मेरा भी मोटा और 7″ इंच लम्बा लंड देख कर वो बोली की ऐसे
लंड से चुदवाने का मज़ा मुझे पहली बार आयेगा. मैने कहा इसे टेस्ट करना
चाहोगी. उसने कहा मुझे गन्द आती है. तो मैने कहा करके तो देखो. फिर मैने
उसे बिना कुछ कहे उसके दोनो पैर को चोड़ा किया और उसके पैरो के बीच में
बैठ कर उसकी चूत पर एक किस दे दी. ऐसा करने पर उसने कहा, तुम ऐसा मत करो.
तुम्हे घिन आयेगी. मैने कहा, इसी मे तो सारा मज़ा है. और फिर मैने उसे
अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उंगली से उसको फैलाने लगा.. ऐसा करने पर
उसे बहुत दर्द हो रहा था. उसने मुझे ऐसा नही करने को कहा मगर मैं कहा
सुनने वाला था. वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भर रही थी. और मैं पूरी ज़ोर से
उसकी चूत को चूस रहा था. उसकी चूत मे एक बहुत ही सुंदर खुशबू आ रही थी.
उसकी चूत बहुत गर्म थी. मैं करीब 15 मिनिट तक उसकी चूत को चूसता रहा.
कुछ देर बाद उसे अच्छा लगने लगा. मैने उससे पूछा अब कैसा लग रहा है तो
उसने कहा अब कुछ अच्छा लग रहा है.
मैने फिर अपनी दो उंगली उसकी गरम चूत मे घुसा दी मगर उसकी चूत इतनी टाइट
थी की वो अंदर नही जा रही थी. मैं आप सब को एक बात बता दूँ. मैं बहुत
सारी ब्लू फिल्म देखता हूँ और मुझे मालूम है की किस लड़की को किस तरह
चोदना चाहिये. तो चूँकि उसकी चूत मे मेरी उंगली नही जा रही थी तो मैंने
उसकी चूत मे अपना थोड़ा सा मूत गिरा दिया. उसने पूछा यह क्यो तो मैने कहा
यह इसलिये ताकि तुम्हे दर्द नही हो. और ऐसा करने पर उसकी सुखी चूत गीली
हो गई और मेरी उंगली आसानी से अंदर चली गई और मैं उसे ज़ोर ज़ोर से अंदर
बाहर करने लगा. ऐसा करते करते उसका जिस्म काँपने लगा और उसने कहा की तुम
अपना मुहँ और उंगली वहा से हटा लो, मैं अब झड़ने वाली हूँ. मैने कहा मैं
उसे पीना चाहता हूँ इतना कहते कहते वो झड़ गई और में उसके पूरे रस को पी
गया और एक बूँद भी नही गिराया.
उसने कहा तुमने मुझे बहुत संतुष्ट किया है और मैं भी अब तुम्हारा लंड
चूसना चाहती हूँ. उसने भी मेरा लंड अपने मुहँ मे लिया और उसकी चमड़ी को
पीछे करके उसके अंदर वाले पार्ट को अपनी जीभ से लगाने लगी. मुझे बहुत
मज़ा आ रहा था. वो मेरा पूरा 7″ इंच लंबा लंड अपने मुहँ मे लेना चाहती
थी. उसके चूसने के कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था इसलिये मैने अपना
लंड उसके मुहँ से निकालना चाहा मगर वो भी वही करना चाहती थी जो मैने किया
मगर मेरे थोड़ा तन ने से मेरा लंड उसके मुहँ से बाहर निकल गया और मैं वही
झड़ गया और मेरा सारा रस उसके पूरे मुहँ मे पिचकारी की तरह चिपक गया, कुछ
उसके होठों पर, कुछ उसके गाल पर और चारो तरफ. वो उस पूरे रस को अपने
होठों और उंगली से चाटने लगी और उसका पूरा मज़ा लेने लगी.. फिर उसने मुझे
थैंक्स कहा और मेरे लंड को अपने होठों से चाट कर साफ कर दिया. और अब मुझे
अपना लंड उसकी चूत मे घुसाने को कहा. मैने ऐसा ही किया. मैने धीरे धीरे
अपने लंड को उसकी चूत मे घुसाने लगा मगर उसके घुसने से पहले ही वो चीख
पड़ी.
फिर मैने थोड़ा और ज़ोर लगाया और 4″ इंच उसकी चूत मे डाला. उसका दर्द और
बढ़ गया. वो और ज़ोर से छटपटाने लगी और मुझे बस करने को कहा. उसने कहा
“मेरे पति का लंड तो सिर्फ़ 5″इंच का ही है और अब मैं तुम्हारा 7″इंच
लंबा लंड कैसे घुसाऊँगी.” मैने कहा तुम उसकी चिंता मत करो और एक और झटका
लगाया और मेरा 7″ इंच लम्बा लंड उसकी चूत मे समा गया. उसकी आँखों से पानी
निकल पड़ा मगर मैं रुका नही और धीरे धीरे पूरा लंड उसकी चूत मे डाल
दिया. उसकी चूत बहुत गर्म थी. मैं अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा. कुछ
देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी. वो अपनी कमर को
मेरे साथ साथ आगे पीछे करने लगी. चूँकि हम दोनो अभी अभी झड़े थे इसलिये
दोबारा इतनी जल्दी झड़ना मुमकिन नही था. इसलिये मज़ा और ज़्यादा आने लगा.
ऐसा करते करते कुछ देर बाद वो झड़ गयी. उसकी गर्म चूत गीली हो गई. और वो
शांत पड़ गई. मगर में रुका नही और मैं उसे चोदता रहा.
उसने मुझे अब रुकने को कहा मगर मैं रुका नही और अपना काम करता रहा. लगभग
10 मिनिट के बाद मैं भी झड़ गया और मैने अपना पूरा माल उसकी चूत मे गिरा
कर शांत हो कर उसकी बाहों मे सो गया. वो मुझे चूमती रही और मेरे उपर लेट
गई. कुछ देर बाद मैने उसे कहा, अभी तो और एक मज़ा बाकी है. उसने कहा वो
क्या. तो मैने कहा, अभी मैं तुम्हारी गांड मारूँगा जिसमे तुम्हे बहुत
मज़ा आयेगा. उसे उसके बारे मे कुछ नही मालूम था. उसे लगा इसमे भी बहुत
मज़ा आयेगा और वो राज़ी हो गई. फिर मैने उसे उसके बेड के एक कोने मे
कुत्ते की तरह खड़े होने को कहा और उसके दोनो हाथ बेड के उपर रख दिये.
उसका पैर ज़मीन पर और उसकी कमर बीच मे. फिर मेंने उसके मुहँ मे अपना लंड
डाल दिया ताकि वो कुछ गीली हो जाये.
फिर मैं अपने होठों से उसकी गांड चाटने लगा और उसे पूरी तरह गीली कर
दिया. उसे अच्छा लग रहा था. फिर मैने अपना लंड अपने हाथो मे लेकर उसके
गांड के छेद पर लगाया और अपने हाथो से पकड़ कर एक धक्का मारा. मेरे धक्के
मारते ही वो चीख पड़ी और कहा मुझे बहुत दर्द हो रहा. मैने कहा थोड़ा सहन
करो. पहली बार है ना. और फिर बार बार धक्का लगाते रहा, बार बार वो चीखती
रही और बार बार मेरा लंड कुछ अन्दर जाता रहा. और ऐसा करते करते मेरा लंड
4″इंच अंदर चला गया. उसने मुझसे रोते हुये उसे छोड़ देने को कहा. मगर
मैने उसे समझाया की बस कुछ देर बाद ही उसे मज़ा आयेगा. ऐसा कहने पर वो
मान गई और मैने फिर एक जोरदार धक्का लगा कर अपना लंड 1.5″ इंच और अंदर
डाला. ऐसा करते करते मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड मे घुस गया और वो
ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी.
फिर मैने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और कुछ देर बाद उसे भी मज़ा
आने लगा. फिर मैने उसकी चूचियों को पीछे से पकड़ कर दबाने लगा और उसकी
गांड भी मारने लगा. ऐसा करते करते मैं झड़ गया और अपना पूरा रस उसकी गांड
मे डाल दिया. और फिर में उसे बेड पर लेकर लेट गया और उसकी चूचि चूसने
लगा. फिर मैं बेड पर लेट गया और उसे मैने अपने लंड पर बैठाया और सोनिया
ने धीरे धीरे मेरा सारा लंड अपनी गांड मे घुसवा लिया. वो मेरे लंड पर
नाचने लगी और मज़ा लेने लगी. उसने फिर अपनी लम्बी उंगली की बड़े बड़े
नाखून से मेरी गांड के आस पास की जगह को खरोचने लगी.
ऐसा करने पर मुझे बहुत आराम लग रहा था. फिर उसने मेरी गांड के छेद पर
अपने मुहँ का थूक गिराया और अपनी उंगली मेरे मुहँ के थूक से गीली करके
मेरी गांड मे अपनी उंगली घुसाने लगी. मुझे पहली बार बहुत दर्द हुआ और कुछ
देर बाद मज़ा आने लगा और वो करीब 15 मिनिट तक ऐसा करती रही. ऐसा करते
करते हम दोनो कब सो गये हमें मालूम ही नही चला. फिर सुबह हुई और हम दोनो
एक दूसरे के जिस्म से लिपटे हुये उठे. और जब भी मौका मिलता मैं उसे दिन
मे भी चोदने लगता. हम दोनो फिर हर रोज़ एक साथ सोने लगे और मैने उसे हर
एक स्टाइल मे चोदा और मज़ा दिया. हम ब्लू फिल्म भी साथ देखते और उस
स्टाइल मे एक दूसरे को चोदते. मैने उसकी गांड मार मार कर उसकी गांड को
चोड़ा कर दिया था जिससे वो और भी सुंदर लगती थी. मैने अपनी एक पुरानी
इच्छा भी पूरी करनी चाही.
मैने उससे कहा की जब मैं सर से पढ़ता था और जब तुम दोपहर को सोने के बाद
टायलेट करने जाती थी तो तुम्हारा प्रेशर सुनकर मुझे तुम्हारी चूत को
चाटने का मन करता था. तब उसने कहा की तुम अपनी इच्छा अभी पूरी कर लो. और
फिर वो बाथरूम मे गई, उसने मूतना शुरू किया उसी प्रेशर के साथ और मैने
उसके मूतते हुये अपना मुहँ उसकी चूत पर लगाया. उसका सारा मूत मेरे मुहँ
पर गिरने लगा और मैं उसका मज़ा लेने लगा. इस तरह जब मेरा मन करता मैं
सोनिया को चोदने लगता और वो भी पूरी चाहत के साथ मुझसे चुदवाती. फिर कभी
तो दोस्तो मुझे ज़रूर बताये की मेरी यह स्टोरी आपको कैसी लगी. और मैने
सोनिया को संतुष्ट करके अच्छा किया की नही…. मुझे अपने कमेन्ट जरुर देना