Tuesday, November 3, 2020

ममेरी बहन के साथ सेक्स चैट फिर चुदाई

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लड़की पटाई, मूवी दिखाई और चोद दी

 गर्लफ्रेंड की चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे एक बार मैंने एक डेटिंग साइट से एक लड़की पटाई. जल्दी से जल्दी मैं उसकी चूत मारना चाहता था. मैंने उसकी चुदाई कैसे की?

दोस्तो, मैं आपका दोस्त अजय दिल्ली से हूँ. मैं 22 साल की उम्र का एक नौजवान लड़का हूँ.
मैं देखने में इतना स्मार्ट नहीं हूं लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि सेक्स में किसी भी लड़की, भाभी या औरत को पागल कर सकता हूं.

मेरा लंड ज्यादा बड़ा तो नहीं है लेकिन ठीक है. मोटा काफी है और लम्बाई भी औसत है. किसी भी चूत को खुश करने के लिए पर्याप्त है.

मैं अन्तर्वासना पर प्रकाशित हर सेक्स कहानी को पढ़ता हूँ और लंड हिला कर मज़ा भी लेता हूँ.
कहानियां पढ़ते हुए मुझे काफी समय हो गया था तो मैंने सोचा कि क्यूं न मैं भी अपनी कहानी आप सबके साथ शेयर करूं.

ये मैं मेरी पहली गर्लफ्रेंड की चुदाई कहानी लिख रहा हूँ. बड़ी बातें नहीं करूंगा. ये मेरी सच्ची कहानी है और वैसे ही बताऊंगा जैसे जो कुछ हुआ था.

अब ज्यादा वक्त न लेते हुए मैं अपनी कहानी को स्टार्ट करता हूं. ये बात तब की है जब मैं 19 साल का था.

नई नई जवानी थी और चुदाई का हद से ज्यादा शौक था. मैं पोर्न वीडियो देखता था और लंड को जमकर रगड़ता था.
उस वक्त तक कोई लड़की मेरे से सेट नहीं हुई थी मगर चूत मारने का बहुत मन करता था.

इस घटना के कुछ महीने पहले ही मैं दोस्तों के साथ चूत मारने गया था. तीन दोस्त मिलकर रेड लाइट एरिया में गये और रंडी चोदकर आये.
वो मेरा पहला एक्सपीरियंस था चूत चोदने का. उसके बाद मैं अकेला ही जाकर कई बार रंडी चोदकर आया.

काफी समय से एक डेटिंग ऐप पर मैंने अकाउंट बनाया हुआ था.
एक दिन मेरी बात एक लड़की से हुई. जल्दी ही हम दोनों की दोस्ती हो गयी. उसके दो-तीन दिन के बाद हमने नम्बर भी एक्सचेंज कर लिये.

अब हमारी फोन पर भी बात होने लगी. फिर मैंने उससे उसके फोटो मांगे. उसने पहले तो मना किया लेकिन फिर बाद में भेज दिये. उसकी फोटो देखकर मेरा लंड सलामी देने लगा.

उसकी चूचियां उसकी ड्रेस में बहुत तनी हुई रहती थीं. काफी गोल और मस्त चूचियां थीं उसकी. अब तो मैं उसको चोदने के लिए तड़प गया था, जल्दी से उसकी चूत को चोदकर मजा लेना चाहता था.

धीरे धीरे मैं उससे गर्म बातें करने लगा. वो भी ज्यादा नखरा नहीं कर रही थी. शायद उसका मन भी था सेक्स करने के लिए. मगर वो खुलकर कुछ बोल नहीं रही थी.

एक दिन मैंने उससे मिलने के लिए बोला.
उसने हां कर दी.

उन दिनों गर्मियों का मौसम था. गर्मी काफी हो रही थी और हम बाहर कहीं मिल नहीं सकते थे.
इसलिए उस दिन हमने कैंसिल कर दिया.

रात को मैंने उससे कहा कि मूवी देखने चलेंगे. वहां थियेटर में ए.सी. भी होता है. गर्मी भी नहीं लगेगी और किसी के देखने का डर भी नहीं रहेगा.
मैं दरअसल मूवी के बहाने उसको थियेटर में ही गर्म करना चाह रहा था.

अगले दिन हम मूवी देखने के लिए गये. 11 बजे का शो था. वो जॉब करती थी तो जॉब से छुट्टी लेकर आई थी.
हमारे पास अब पूरा दिन था.

उन दिनों संजू मूवी आई हुई थी.

हम मूवी देखने पहुंचे मगर पीछे की सीट नहीं मिली. बीच में सीट मिली थी. मगर फिर भी मैंने सोचा कि चलो अंधेरे में इसके चूचे तो दबा ही लूंगा. फिर हम बैठकर मूवी देखने लगे.

कुछ देर के बाद मैंने उसके कंधे पर हाथ रख लिया.
उसने कुछ नहीं कहा.

धीरे धीरे मैं उसके कंधे को सहला रहा था. वो कुछ नहीं बोल रही थी. फिर मेरा हाथ नीचे सरकने लगा.

उसकी चूचियों के उभार तक हाथ ले जाकर मैं वापस ले आता था.
वो कुछ नहीं बोल रही थी.

मेरा लंड मेरी पैंट में उछलने लगा था.
फिर जब रुका न गया तो मैंने उसके चूचे को छेड़ दिया.

चूची छेड़ने पर भी उसने कुछ नहीं कहा. बस आराम से बैठी हुई सामने देखती रही.

मैंने दोबारा से उसकी चूची पर हाथ रखा तो अंदर ही अंदर मेरी सिसकारी निकल गयी थी.
दोस्तो, बहुत ही मुलायम और नर्म चूची थी उसकी.

मैं उसकी चूची को दबाने लगा.

अब मेरी हिम्मत काफी बढ़ गयी थी. मन कर रहा था कि इसकी टीशर्ट को निकाल दूं लेकिन वहां पर आसपास में लोगों के देखने का डर था. इसलिए मैंने कंट्रोल करके रखा.

धीरे से मैं उसके कान के पास किस कर दे रहा था.
वो भी शायद गर्म हो रही थी.

फिर मैंने उसके कंधे पर हाथ रखकर अपने हाथ को उसके टॉप में अंदर डाल दिया.

उसकी सांसें तेज हो गयी थीं. फिर मैंने धीरे से उसके हाथ पर हाथ रख लिया. उसका हाथ बहुत ही कोमल था. उसके हाथ को पकड़ कर मैं अपनी जांघ पर ले आया.

वो हाथ को मेरी जांघ पर रखे बैठी रही. मुझे लगा वो मेरे तड़पते लंड को पकड़ लेगी लेकिन उसने नहीं पकड़ा. मैं तड़प रहा था और चाह रहा था कि वो मेरा लंड सहलाये.

फिर खुद ही मैंने उसके हाथ को पकड़ कर लंड पर रखवा दिया. उसने झटके से अपना हाथ पीछे कर लिया.
मैंने फिर कुछ नहीं कहा. मैं दोबारा से उसके चूचे सहलाने लगा.

अब मेरा एक हाथ उसकी जांघ को भी सहला रहा था. उसके कुछ देर बाद मैंने फिर से उसका हाथ अपने लंड पर रखवा दिया. अबकी बार मैंने उसके हाथ को लंड पर दबा लिया और पीछे नहीं खींचने दिया.

मैं उसको अपने तने हुए लंड का अहसास करवाना चाह रहा था ताकि उसकी चूत में चुदास जाग जाये.
दोस्तो, लड़की को गर्म करने के लिए लंड की फीलिंग देना बहुत जरूरी होता है.

वो अब अपने हाथ को मेरे लंड पर रखे रही. उसको धीरे धीरे टटोलती रही. उसके नर्म हाथ मेरे लंड को पागल कर रहे थे.

मैंने अगल बगल देखा तो हमारी लाइन में ज्यादा लोग नहीं थे. अंधेरा भी था तो मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया.

अब उसका हाथ मेरे लंड पर था और मैं उसके होंठों को चूस रहा था. वो भी गर्म होकर मेरा साथ देने लगी. हम दोनों काफी गर्म हो गये थे और अब हमारी सिसकारी बाहर आने लगी थी.

वो एकदम से पीछे हट गयी और कहने लगी- यहां पर सब लोग देख रहे हैं.

मुझसे रुका नहीं जा रहा था लेकिन मैंने किसी तरह कंट्रोल किया. अब हम दोनों ही गर्म हो चुके थे और खुलकर मजा लेना चाहते थे.

मैंने उससे कहा- तुम कितने बजे तक फ्री हो?
वो बोली- शाम तक.
मैं बोला- तो फिर घर चलते हैं. वहां पर आराम से ए.सी में बैठेंगे और बात करेंगे. कोई देखने वाला भी नहीं होगा.

वो बोली- ठीक है, मूवी के बाद चलेंगे.
शायद वो भी समझ गयी थी कि आज वो चुदने वाली है.

अब हम लोग मूवी खत्म होने का इंतजार करने लगे.

मुझसे रुका नहीं जा रहा था. इसलिए मैंने उसके टॉप में हाथ डाल दिया और उसके चूचों को छेड़ने लगा.

उसका हाथ मैंने फिर से लंड पर रखवा लिया और लंड पर दबाये रहा. पूरी मूवी में मैं ऐसे ही उसके मजे लेता रहा. फिर मूवी खत्म हो गयी. हम घर के लिए निकल पड़े.

किस्मत से उस दिन घर वाले भी बाहर गये हुए थे. घर पहुंचकर मैं उसे अंदर ले गया.
दरवाजा बंद करके मैंने पीछे से उसके कंधे पर किस किया और उसको बेडरूम में चलने के लिए कहा.

वो थोड़ा नखरा दिखाने लगी लेकिन मैं जानता था कि ये चुदेगी, मुझे गर्लफ्रेंड की चुदाई करने को मिलेगी. मैंने उसको गोदी में उठाया और बेड पर पटक दिया. फिर वो खुद ही उठकर आराम से बैठ गयी.

हम दोनों दीवार के सहारे बैठे थे. फिर मैं उससे मूवी के बारे में बोलने लगा. कुछ हॉट सीन थे मूवी में, मैं उसको उन्हीं के बारे में बताने लगा. वो भी हम्म … हम्म … करती रही.

फिर मैंने धीरे से उसके कंधे पर हाथ रख लिया और सहलाने लगा. मैंने उसको अपने पास कर लिया और फिर उसकी चूचियों को दबाने लगा. पहले तो वो हाथ को हटाने लगी लेकिन मैं रुका नहीं.

मुझे पता था कि वो भी मजा लेना चाहती है लेकिन नखरे कर रही है.
मैं उसकी चूचियों को दबा दबाकर उसे गर्म करता रहा और फिर वो सिसकारने लगी.

मैंने उसको गले से लगा लिया और उसकी पीठ को सहलाने लगा.

वो भी मेरी पीठ को सहलाने लगी. मैंने उसका हाथ पकड़वाकर अपने लंड पर रख दिया. उसने हाथ नहीं हटाया.

अब सब कुछ क्लीयर था. मैंने उसको सीने से अलग किया और उसके होंठों को चूसने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी.

फिर मैंने उसको नीचे लिटा लिया और उसके बदन पर चुम्बनों की बारिश कर दी. उसके गालों, होंठों, गर्दन, कानों, गले और हर जगह मैंने उसको चूमा.
वो भी पागल होने लगी.

अब मैं उसके कपड़े उतारने लगा. पहले मैंने उसका टॉप उतरवा दिया.
उसने नीचे से ब्रा पहनी हुई थी. मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाने लगा और किस करने लगा.

वो अब खुद ही मेरा सिर अपने चूचों पर दबाने लगी थी.

इसी बीच मैंने उसकी पैंट खोल दी थी और उसकी पैंटी में हाथ देकर उसकी चूत को सहला रहा था. ये पहली बार था जब मैं किसी लड़की को पटाकर उसकी चूत के साथ खेल रहा था.

मैंने रंडी के साथ सेक्स किया हुआ था लेकिन आप तो जानते हैं कि रंडी और बंदी में कितना अंतर होता है. रंडी के साथ कुछ भी नया नहीं कर पाते. बस गये, चूत मारी और वापस. मगर बंदी के साथ पूरे मजे किये जा सकते हैं.

फिर मैंने उसकी पैंट को निकाल दिया. अब वो ब्रा और पैंटी में थी. अब मैंने भी अपने कपड़े उतार लिये. मैं केवल चड्डी में था. एक बार फिर से मैं उसको लिटाकर किस करने लगा.

अब उसको चूसने में और ज्यादा मजा आ रहा था. मेरा लंड अब अंडरवियर में नुकीला होकर उसकी चूत पर टक्कर मार रहा था. पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत की फीलिंग मुझे लंड पर आ रही थी.

फिर मैंने उसकी ब्रा और पैंटी को भी उतार दिया. अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी. उसकी चूचियों को मैंने एकदम से मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूस कर पीने लगा. वो एकदम से सिसकारने लगी.

मैं उसकी चूचियों को दबा दबाकर निचोड़ रहा था और वो मेरे सिर को अपने सीने में दबाये जा रही थी. बहुत मजा आ रहा था मुझे. अब मुझसे रुका न गया और मैंने चूची छोड़कर उसकी चूत में मुंह लगा दिया.

उसकी टाइट चूत में जीभ देकर मैं अंदर बाहर करते हुए उसकी चूत के रस को चाटने लगा और अंदर पीने लगा. उसकी चूत की खुशबू बहुत मदहोश कर देने वाली थी.

इससे पहले मैंने कभी चूत नहीं चाटी थी. इसलिए मेरा मन उसकी चूत को छोड़ने के लिए कर ही नहीं रहा था. बस मन कर रहा था कि दिन रात इसकी चूत को पीता रहूं.

वो जोर जोर से सिसकारी ले रही थी और अपनी चूचियों को अपने ही हाथों से मसल रही थी.

उसकी चूत को जीभ से चोद चोद कर मैंने उसको पागल कर दिया और फिर वो चूत में लंड लेने के लिए विनती करने लगी.

फिर मैंने उसकी टांगों को उठा लिया और अपने कंधे पर रखवा लिया. उसकी चूत पर लंड के टोपे को लगा दिया और अंदर घुसाने की पोजीशन में हो गया. उसकी चूत में लंड को घुसाने से पहले मैं उसको और तड़पाना चाहता था.

अब मैंने उसकी चूत के ऊपर लंड के टोपे को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया. वो और भी जोर से सिसकारने लगी. मैं भी उसकी चूत मारने के लिए तड़प रहा था लेकिन उसको तड़पती देखकर मुझे ज्यादा मजा आ रहा था.

उसकी चूत बिल्कुल पनिया गयी थी और रह रहकर पानी छोड़ रही थी.

फिर मुझसे भी रुका न गया. दो मिनट तक लंड को चूत पर रगड़ने के बाद मैंने धक्का लगा दिया और मेरा लंड उसकी चूत में 2 इंच तक घुसा.

पहले धक्के में उसकी जोर से चीख निकली- आईई … मम्मी … मर गयी … ओफ्फो … ऊईई … आराम से डाल यार … इन्सान हूं मैं भी.
मैंने मन ही मन कहा- तू मेरी रंडी है और मैं तेरी चूत को फाड़ने वाला हूं.

लंड को घुसाने के बाद मैं कुछ देर रुक गया. मैं जानता था कि मेरा लंड कई रंडियों को भी रुला चुका है, वो तो फिर भी एक नई लड़की थी. उसकी चूत काफी टाइट थी.

शायद वो पहले भी चुद चुकी होगी क्योंकि जिस तरह से वो मजा लेना चाह रही थी उससे पता चल रहा था कि वह लंड का स्वाद ले चुकी है.
मगर मुझे तो चूत से मतलब था. उसकी चूत में मेरा लंड घुसा हुआ था और मैं आनंद में था.

अब मैं उसके चूचों को चूस रहा था. उसके चूचों को सहलाने और प्यार करने लगा था.
बीच बीच में उसको डीप लिप किस कर रहा था ताकि उसकी चूत जल्दी से जल्दी मेरे लंड को आगे जाने का रास्ता दे.

जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने फिर से हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू किये.
उसको दर्द हो रहा था लेकिन वो बर्दाश्त करने की कोशिश कर रही थी.

मेरे धक्के हल्के थे लेकिन हर धक्के के साथ मैं लंड को हल्का सा और अंदर कर देता था.

इस तरह से आहिस्ता आहिस्ता मैं पूरा लंड उसकी चूत में उतारने लगा. अब वो पूरा लंड ले रही थी. उसको अच्छा लगने लगा था. अब मैंने अपने धक्कों की स्पीड तेज कर दी और चुदाई का मजा आने लगा.

कुछ देर मैं उसकी टांगें उठाये उसको चोदता रहा. फिर मैंने उसकी टांगों को नीचे कर लिया. उसकी जांघों को और चौड़ी कर लिया. अब उसकी चूत मेरे सामने और खुल गयी.

फिर मैं पूरी तरह से उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों को चूसने लगा और नीचे से लंड उसकी चूत में पेलता रहा. दोस्तो, इस पोजीशन में चुदाई करने में बहुत मजा आता है. मैंने हर रंडी को इसी पोज में ज्यादा चोदा हुआ था.

20 मिनट तक मैं उसकी चूत को पेलता रहा और फिर वो एकदम से झड़ गयी और मेरे से लिपट गयी. मेरे धक्के अभी भी जारी थे. अब उसकी चूत के रस से अंदर पूरा चिकना हो गया था.

लंड जब अंदर बाहर हो रहा था तो पच … पच … की आवाज हो रही थी. अब मुझे अलग ही आनंद आ रहा था. उसकी चूत पहले से ज्यादा गर्म लग रही थी. मैं पूरे जोश में आकर उसकी चूत को फाड़ने लगा.

मेरे धक्के अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहे थे. मगर मैं अब रुकने वाला नहीं था. वो चिल्लाती रही और मैं उसे चोदता रहा. पांच सात मिनट के बाद मेरा बदन भी अकड़ने लगा. मेरे लंड से वीर्य निकल कर उसकी चूत में जाने लगा.

मैंने सारा माल उसकी चूत में डाल दिया. उसके बाद थक कर उसके ऊपर ही गिर गया. कुछ देर के बाद मैं अलग हुआ.
मैं एक बार फिर से चुदाई करना चाह रहा था लेकिन वो मना करने लगी.

वो बोली- इतनी बुरी तरह से चोदा है, अब मैं और नहीं ले सकती.
उसके बाद वो उठी और खुद को साफ करके आई. फिर उसने कपड़े पहने और जाने लगी.

मैं उसके साथ नहीं गया क्योंकि किसी के द्वारा देखे जाने का डर था. वो चली गयी. मुझे उसकी चूत मारकर बहुत मजा आया. उसके बाद कई बार मैंने होटल में ले जाकर उसकी चूत मारी.

वो पहली लड़की थी जिसको मैंने पटाकर चोदा था. उसके बाद मैंने और भी कई लड़कियों की चूत मारी. वो सब घटनाएं मैं आपको एक एक करके बताता रहूंगा.

दोस्तो, ये थी मेरी सच्ची कहानी जिसमें मैंने पहली बार गर्लफ्रेंड की चुदाई की थी. आपको ये स्टोरी कैसी लगी मुझे बताना जरूर. मुझे आपके मैसेज का इंतजार रहेगा.


देसी गर्ल की पहली चुदाई का मस्त मजा

 पड़ोस की देसी गर्ल को मैंने छत पर घूमते देखा. उसकी चूचियां देखकर मैं उसको चोदने की सोचने लगा. फिर मैंने उसको कैसे पटाया और हमें चुदाई का मौका कैसे मिला?

सभी पाठकों को मेरा नमस्कार!
मेरा नाम हर्ष है और मैं 25 साल का हूं. अपनी पढ़ाई पूरी कर चुका हूं और अब मैं जॉब की तलाश में हूं.
मगर लॉकडाउन के कारण कहीं जॉब्स नहीं मिल रही थीं.

इसी बीच मेरे साथ एक सुंदर घटना हुई. मैं आपको अपनी पड़ोसन देसी गर्ल की चुदाई की कहानी बताना चाहता हूं. किसी हिन्दी सेक्स स्टोरी साइट पर ये मेरी पहली कहानी है. अगर कहानी में मुझसे कोई गलती हो जाये माफ करना.

मेरे घर की बगल में प्रियंका नाम की एक लड़की रहती है. वह सेकेंड इयर में है और देखने में बहुत सेक्सी और हॉट है. जब लॉकडाउन हुआ तो सब लोग घर में रह रहे थे.

कई बार मैं छत पर टहलने चला जाता था. वो भी कई बार छत पर घूमते हुए दिख जाती थी.
मैं उसको देखा करता था तो वो कोई रिएक्शन नहीं देती थी.

फिर धीरे धीरे उसने मेरी ओर ध्यान देना शुरू किया.
मैं उसको हल्की सी स्माइल दे देता था और वो भी उधर से हल्का मुस्करा देती थी.

एक दिन वो छत पर बैठकर कपड़े धो रही थी. जब वो बैठी हुई थी तो उसके घुटनों के बीच में दबे उसके बूब्स उभर कर बाहर आ रहे थे.

मेरा ध्यान वहीं पर अटक गया. मैं टहलने के बहाने उसके बूब्स के दर्शन करता रहा.
वो कपड़े धोने में व्यस्त थी.

फिर अचानक से उसने नजर उठाकर मुझे देखा और मैं सन्न रह गया.
मैं एकदम से दूसरी ओर घूम गया. फिर मैं वहां से चला गया.

वो समझ गयी थी कि मैं उसके बूब्स को घूर रहा था.
फिर दो-तीन दिन तक मैंने उसको नहीं देखा.

तीसरे चौथे दिन मैं फिर से छत पर था. वो भी नीचे टहल रही थी. दरअसल उनकी छत हमारी छत से एक मंजिल नीचे थी.

टहलते हुए मुझे उसकी क्लीवेज दिख रही थी. उसने भी चुन्नी नहीं डाली हुई थी. ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझे ये दिखाना चाह रही हो. मैं भी बार बार उसकी चूचियों को देखता रहा.
उस दिन मैंने महसूस किया कि वो भी शायद कुछ चाहती है.

फिर ऐसे ही हमारी हाय हैल्लो होने लगी. कुछ दिन बस दो चार बात हुई. मैं अब जल्दी से उसको पटाना चाहता था.

फिर मैंने हिम्मत करके एक दिन बात छेड़ी- स्टडी हो रही है क्या तुम्हारी ऑनलाइन?
वो बोली- हां, लेकिन कुछ समझ ही नहीं आता खास.
मैंने कहा- क्यों?

वो बोली- मेरी साइंस बहुत वीक है. बॉयलॉजी तो सिर के ऊपर से जाती है.
मैं बोला- वो तो मैं तुम्हें पढ़ा सकता हूं. मुझे आती है अच्छी तरह.
खुश होकर वो बोली- सच! तो फिर कब से शुरू करोगे?

मैंने कहा- जब तुम कहो.
वो बोली- ठीक है, मैं मॉम से बात करके बताती हूं.
मैंने कहा- ओके, पूछ लो.

फिर दो घंटे के बाद प्रियंका की मॉम हमारे घर आई.
वो मेरी मॉम से बात करने लगी.
फिर उन्होंने मुझे बुलाया और बोलीं- बेटा हर्ष तुम शाम को आ सकते हो क्या?

मैं बोला- हां आंटी जी, बिल्कुल आ सकता हूं.
वो बोली- ठीक है, तो फिर खाना खाकर आ जाना. उस वक्त तक प्रियंका भी फ्री हो जाती है.
मैंने कहा- ओके आंटी.

फिर आंटी चली गयी और मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मैं बस शाम होने का इंतजार करने लगा.

मैं 9 बजे उनके घर गया. हम दोनों को नीचे एक अलग रूम दे दिया गया ताकि पढ़ाई में बाधा न आये.
मगर पढ़ाई की बजाय मैं तो ये सोचकर खुश हो रहा था कि प्रियंका पट गयी तो चुदाई में कोई बाधा नहीं आयेगी यहां.

15 मिनट बाद प्रियंका रूम में आ गयी. उसने नाइट ड्रेस पहनी हुई थी. ऊपर उसका टॉप था और नीचे लोअर था. लोअर में उसकी गोल मटोल मोटी गदरायी जांघें पूरी उभर रही थीं. उसकी गांड एकदम से गोल थी.

हम पढ़ने लगे. मेरी नजर बार बार उसके टॉप में उसके क्लीवेज पर जा रही थी. जीव विज्ञान में तो पता है कि प्रजनन संबंधी कितना ज्ञान होता है. इसलिए किसी न किसी चैप्टर में सेक्स से संबंधित कोई न कोई टॉपिक आ ही रहा था.

मैं मानव प्रजनन के चैप्टर का इंतजार कर रहा था क्योंकि उसी में चूची, वैजाइना, निप्पल और लिंग जैसे शब्द खुले रूप से इस्तेमाल हो सकते थे. इस तरह से कुछ दिन निकल गये.

अब प्रियंका के साथ मेरा काफी हंसी मजाक होने लगा था. बहाने से में उसकी जांघ पर भी हाथ रख देता था. उसकी क्लीवेज को घूरता रहता था और वो मुस्कराती रहती थी.

फिर आखिरकार ह्यूमन रिप्रोडक्शन (मानव प्रजनन) का चैप्टर भी आ गया. मैं उसको चूचियों के बारे में समझाने लगा कि कैसे निप्पलों के नीचे मैमरी ग्लैंड होती हैं और कैसे उनमें से दूध निकलता है.

ये सब बात करते हुए मेरा ध्यान उसकी चूचियों की ओर ही था. मेरा लंड खड़ा हो चुका था. प्रियंका का टॉप उतारने का मन कर रहा था.
वो भी मेरे तने हुए लंड को देख चुकी थी.

वो बोली- कहां होती हैं ये ग्रंथि?
मैंने कहा- ये तो छूकर ही पता लग सकता है. तुम देख लो. तुम्हारे पास तो हैं भी. मैं कैसे बताऊं.
फिर वो अपनी चूचियों को नीचे से छूने लगी और पूछने लगी- यहां?

मैंने कहा- निप्पलों के नीचे होती हैं.
उसने अपनी चूची को निप्पल के पास से भींच लिया और बोली- यहां क्या?
मैंने कहा- अब हाथ तो तुम्हारा लगा है मैं कैसे बताऊं.

फिर उस देसी गर्ल ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी चूची पर रखवा दिया और कहा- अब बताओ.
दोस्तो, मैं तो एकदम से शॉक हो गया. मुझे उम्मीद नहीं थी कि प्रियंका अपनी चूची मेरे हाथ में दे देगी.

मेरी बॉडी में करंट सा दौड़ गया और लंड पागल हो गया. मेरा मन करने लगा कि उसकी नर्म नर्म चूची को इतनी जोर से भींचूं कि उसका दूध निकल आये. मैं ही जानता हूं कि मैंने कैसे कंट्रोल किया.

उसके निप्पल के ठीक नीचे से दबाते हुए मैंने कहा- यहां होती हैं. यहीं से दूध बाहर निकल कर आता है.
मैं उसकी चूची को दबाये जा रहा था और वो कुछ नहीं बोल रही थी.

फिर मैंने उसकी दूसरी चूची को पकड़ लिया और उसको भी वहीं से दबाने लगा और बोलने लगा कि इसमें भी यहीं पर होती हैं.
प्रियंका को अच्छा लगने लगा. उसके चेहरे पर मदहोशी के भाव साफ दिख रहे थे. उसने मुझे रोकने की कोशिश नहीं की.

हम दोनों गर्म हो चुके थे और प्रियंका के मुंह से आहें निकल रही थीं. फिर मैं धीरे से उठकर दरवाजा बंद करके आ गया. इसी पल का तो मुझे इंतजार था.

आते ही मैंने उसे बेड पर लिटाकर उसे बांहों में भर लिया और दोनों एक दूसरे को चूमने लगे. वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी. 10 मिनट तक हम किस ही करते रहे.

फिर मैंने उसके टॉप को उतार दिया. उसने नीचे से ब्रा भी नहीं पहनी थी जो मुझे उस देसी गर्ल की चूची दबाते हुए ही पता लग गया था. उसकी चूचियां सख्त हो गयी थीं. निप्पल एकदम से तन गये थे.

मैं उसकी एक चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा. वो एकदम से सिसकारने लगी.
मैंने उसके होंठों पर उंगली रख कर कहा- श्श्श्श… बाहर आवाज चली जायेगी.

फिर वो खुद को कंट्रोल करते हुए चूचियां पिलाने लगी. मैंने बारी बारी से उसकी दोनों चूचियों को पीया.

मैंने उसकी लोअर को निकाल दिया. उसने नीचे से पैंटी हुई थी और उसकी चूत के मुंह के ठीक बीच में एक गीला धब्बा बन गया था.

मैंने उस गीले धब्बे को सूंघा और उसकी महक ने मुझे पागल कर दिया. पैंटी के ऊपर से ही मैंने उसकी चूत के मोटे मोटे होंठों को चूमा और एकदम से मुंह में भर लिया.
प्रियंका के मुंह से एकदम से निकला- आआआ ह्हह।

तभी मैंने एकदम से उसके मुंह पर हाथ रखा और उसकी पैंटी को मुंह में भरकर उसकी चूत को खाने लगा. उसकी पैंटी मैंने चूस चूस कर पूरी गीली कर दी.

अब मुझसे रहा न गया और मैंने उसकी पैंटी उतार दी. उसकी कमसिन सी चूत नंगी हो गयी जिसे देखकर मैं अपने होश खो बैठा. मैंने उसकी टांगों को चौड़ी किया और उसकी चूत में जीभ दे दी.

उसने आह्हह … करते हुए एकदम से मेरे सिर को अपनी चूत में दबा लिया और अपनी टांगों को मेरे सिर पर लपेट लिया. मैं तेज तेज उसकी चूत में जीभ अंदर बाहर करने लगा.

वो ज्यादा देर बर्दाश्त नहीं कर पाई और बोली- हर्ष … आह्ह … प्लीज कुछ करो … मुझे कुछ हो रहा है।
मैं समझ गया कि अब इसे हर हाल में लंड चाहिए.

मैंने अपने कपड़े निकाले और पूरा नंगा हो गया. मेरा लंड बेहाल हो गया था. मैंने प्रीकम में सने अपने लंड को उसके मुंह के सामने कर दिया और बोला- चूस कर इसे पूरी तरह गीला कर दो. फिर आराम से जायेगा.

वो बोली- नहीं, मुझे नहीं लेना मुंह में. कितना गंदा है.
मैंने कहा- जान … चूत और लंड दोनों ही गंदे होते हैं लेकिन इनको चूसने और चाटने का अलग ही मजा है. तुम्हें चूत चटवाने में मजा आया न?
वो बोली- हां, बहुत.

मैं बोला- मगर मुझे चाटने में तुमसे भी ज्यादा मजा आया. अगर तुम भी मजा लेना चाहती हो तो मुंह में लेकर देखो.
वो मान गयी और उसने मेरे लंड को मुंह में भर लिया.

जैसे ही उस देसी गर्ल ने लंड चूसना शुरू किया तो मैं पागल हो गया. मैं सिसकारियां लेते हुए उसके बालों को सहलाने लगा.
वो कुछ देर बाद इतनी मस्ती में चूसने लगी कि जैसे लंड उसके लिए कोई लॉलीपॉप हो.

मुझे लगा कि मैं ज्यादा देर नहीं टिक पाऊंगा तो मैंने उसको लंड निकालने के लिए कह दिया.

फिर मैंने उसकी टांगों को फैलाया और उसकी चूत पर निशाना साधा. मेरा लंड उसकी गीली चूत के मुंह पर था.
मैंने एक दो बार उसकी चूत के होंठों पर अपने लंड के होंठ रगड़े तो वो अपनी चूचियों को जोर से मसलते हुए सिसकारने लगी.

अब मुझसे भी रुका न गया और मैंने उसकी चूत में धक्का दे दिया. उसकी एकदम से जोर की आह्ह … निकल गयी और मैंने उसका मुंह दबा लिया. वो बेचैन हो गयी और छटपटाने लगी.

मैं उसके ऊपर ही लेट गया. मेरा लंड चूत में प्रवेश कर चुका था. कुछ देर तक मैं लेटा रहा और फिर मैंने दूसरा धक्का दे दिया. वो फिर से उचकी और मैं उसको दबाये रहा.

उसकी आँखों में पानी आ गया था. मगर मैं उसको प्यार से चूमता रहा. फिर मैंने लंड को धीरे धीरे चूत में चलाना शुरू किया और दो-चार मिनट के बाद वो आराम से लंड को चूत में लेते हुए चुदने लगी.

मैं भी उसकी चूत में लंड को अब आराम से अंदर बाहर कर पा रहा था. हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे और चुदाई का रिदम बन पड़ा. मैंने फिर उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उसकी चूत को जोर से पेलने लगा.

ये चुदाई 15 मिनट तक चली और फिर आखिर में वो देसी गर्ल थरथराते हुए झड़ गयी.
उसके दो मिनट बाद ही मैं भी झड़ गया.

दोस्तो, उसकी चूत में जब मेरे लंड से वीर्य निकल रहा था तो वो क्षण सबसे अनमोल थे.

इतना मजा दुनिया की किसी और चीज में नहीं है जितना कि एक जवान सेक्सी लड़की की चुदाई करने में है. मुझे तो स्वर्ग मिल गया था. उस रात को प्रियंका की चूत मारकर मैं खुद को दुनिया का सबसे लकी इन्सान मान रहा था.

उस दिन मैं मर्द बन गया था और उसे मैंने औरत बना दिया था.

फिर अगले दिन उसने मुझे नहीं बुलाया.
मैंने पूछा तो कहने लगी कि अभी दुख रही है.
तो मैंने चुपके से उसको पेन किलर लाकर दी.

उसके दो दिन बाद दोपहर में उसका फोन आया. वो अकेली थी और घर आने के लिए कहने लगी.
मैं जान गया कि चुदना चाह रही है. मैं फटाक से उसके घर जा पहुंचा.

वो किचन में नाइटी में खड़ी थी और मैंने जाते ही उसकी गांड पर लंड सटा दिया. पीछे से उसको बांहों में लेकर उसकी चूची मसल दी. वो भी पहले से ही गर्म थी.

हम वहीं किचन में ही एक दूसरे पर टूट पड़े. मैंने उसको जल्दी से नंगी किया और शेल्फ पर बिठाकर उसकी चूत में मुंह दे दिया. वो देसी गर्ल वहीं पर गांड हिलाते हुए चूत को चुसवाने लगी.

फिर मैंने लंड को निकाला और उसकी चूत में दे दिया. उसे वहीं पर जोर जोर से चोदने लगा. फिर मैं उसको बेडरूम में ले आया और घोड़ी बनाकर चोदा.
मजा आ गया दोस्तो.

बस उसके बाद तो मैंने देसी गर्ल प्रियंका को बहुत बार चोदा. अब भी चोदता रहता हूं. मगर अब ज्यादा मौका नहीं मिल पाता है क्योंकि उनके घर में उसकी मौसी भी रहने लगी है.
मगर कई बार हम लोग बहाने से मिल लेते हैं और होटल में चुदाई करते हैं.

ये थी मेरी स्टोरी, आपको मेरी पड़ोसन देसी गर्ल की चुदाई की ये कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना. मैं आप सबके रेस्पोन्स का इंतजार करूंगा. मेरी ईमेल पर मुझे मैसेज करें. थैंक्यू दोस्तो। कुछ गलती हुई हो तो वो भी बताना.